उत्तर प्रदेश में जातिवाद किस कदर लोगों के दिल-ओ-दिमाग पर हावी है, इसकी बानगी ताजनगरी आगरा में दिखी। यहां एक दलित महिला की मौत के बाद परिवार वालों ने गांव के ही बाहर एक श्मशान में अंतिम संस्कार की तैयारी की। लेकिन कुछ दबंगों ने वहां पहुंचकर शव को चिता से उठाने को कहा। कहा कि श्मशान घाट उनका है। दलित यहां अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। पीड़ित परिवार ने इसे अपनी किस्मत समझ पुलिस में रिपोर्ट तक नहीं की और अन्य श्मशान में जाकर अंतिम संस्कार किया। इस घटना के बाद एक हफ्ते बाद अब पुलिस सक्रिय हुई है।
एक हफ्ते पुराना मामला
20 जुलाई को एक महिला की बीमारी से मौत हो गई थी। श्मशान में मुखाग्नि से पहले गांव के कुछ दबंगों ने आकर उन्हें रोक दिया। महिला का 6 साल का बेटे इस पूरे घटनाक्रम से अनजान था। उसे तो यह भी नहीं पता था कि मां अब कभी नहीं उठेगी। अपने दादा के साथ हाथ से आग लेकर मासूम अपनी मां की चिता के चक्कर लगा रहा था और मुखाग्नि देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दबंगों ने रहम खाए बिना उसके हाथ से आग छीन ली और चिता को जलने से रोक दिया।
श्मशान की जमीन को लेकर है विवाद
घटना अछनेरा तहसील के अंतर्गत रायभा गांव की है। यहां गांव के पास नट जाति के लोग रहते हैं। यहां काफी समय से श्मशान घाट की जमीन को लेकर गांव के कुछ लोगों ने उनका विवाद है। जब भी नट समाज के लोगों में किसी की मौत होती है तो अंतिम संस्कार पर विवाद होता है।
सीओ अछनेरा को सौंपी गई जांच
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीओ अछनेरा को इस मामले की जांच सौंपी गई है। गांव में करीब सात श्मशान घाट हैं। जहां अलग-अलग जाति के लोग श्मशान घाट का प्रयोग करते हैं। विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। उसके आधार पर जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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