DIGITELNEWS पर पढ़ें हिंदी समाचार देश और दुनिया से,जाने व्यापार,बॉलीवुड समाचार ,खेल,टेक खबरेंऔर राजनीति के हर अपडेट

 

ईद पर चाचा को घर भेजने के लिए भतीजे ने किया एक्टर Sonu Sood को याद, बोलें- 'चिंता मत कर मेरे भाई'

नई दिल्ली। फिल्मों में हमेश विलेन का रोल अदा करने वाले अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) महामारी कोरोनवायरस ( Coroanaviurs ) के बीच करोड़ों लोगों के हीरो बन गए। पूरे देश में लॉकडाउन ( Lockdown India ) होने की वजह से कई-कई राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों ( Migrant Workers ) की मदद के लिए सोनू सूद हमेशा खड़े रहे हैं। आज महीनों बाद भी सोनू के काम में कोई फर्क नज़र नहीं आया है। वहीं दूसरी ओर लोग भी लगातार सोनू से मदद की ( peolple Pleading for help ) गुहार लगाते हुए नज़र आ रहे हैं। इस बीच सोनू के ट्विटर ( Sonu Sood Twitter ) पर एक शख्स ने मदद मांगी है कि "मेरे चाचू केरला में काम करने गए थे और अब उन्हें वापस आना है, चार आदमी हैं सर कृपया मदद करें, नहीं तो इस ईद में भी वो नहीं आ पाएंगे।" इस शख्स के ट्वीट को रीट्वीट करते ( Sonu Sood Retweet ) हुए सोनू सूद ने ऐसा जवाब दिया कि जिस पढ़ लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट और जुंबा से निकल रहा है असली हीरो ( Real Hero sonu sood )।

शख्स का मैसेज पढ़कर सोनू सूद ने पूरे हीरो स्टाइल में इस शख्स जवाब ( Sonu Sood replied) देते हुए कहा कि , 'चिंता मत कर मेरे भाई। ईद आप अपने चाचू के साथ ही मनाएंगे, उन्हें बोलना काफी ईदी लेते आएं।' यह जवाब पढ़ लोगों ने इस अंदाज के दीवाने ( peolple liked to his way ) होते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनका यह शानदार जवाब देने वाला स्टाइल लोगों को खूब पसंद आ रहा है। यहीं नहीं सोनू ने टोल फ्री नंबर ( Sonu sood launched toll free number ) और व्हाट्सऐप नंबर ( Sood Sood Whatsapp number for helping ) भी जारी किया था जिस पर लोग बेहद आसानी से संपर्क कर सकते थे। सोनू सूद ने लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए खाना ( Sonu feed people ), बस और ट्रेन ( Arranged bus and train ) की व्यवस्था की थी। यह अभियान उन्होंने प्रवासी मजदूरों ( Sonu Sood Helping Migrant Workers ) की मदद के लिए चलाया है।

आपको बता दें सोनू सूद जल्द ही अब वो किताब ( Sonu Sood is going to write a book ) लिखने जा रहे हैं जो कि इस साल के अंत तक पब्लिश ( Will be published later this year ) भी हो जाएगी। यह किताब उनकी कोरोवानावयरस काल ( Coronavirus) और लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों ( Migrant Workers stuck in lockdown ) पर आधारित होगी। साथ ही जिसमें वह बताएंगे कि कैसे उन्होंने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए मदद ( How to help migrant laborers ) करने का फैसला। वैसे बता दें इस मुश्किल समय में सोनू सूद मजदूरों के लिए ही मसीहा नहीं बने बल्कि उन्होंने कई मेडिकल वर्कर्स ( Sonu Helping Medical Workers ) की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए उनके लिए अपने होटल्स को क्वारंटाइन सेंटर में तबदील कर दिया था। लॉकडाउन के बीच उन्होंने 45 हज़ार लोगों को रोज़ाना खाना ( Sonu Feed 45 Thousand people ) भी खिलाया। यही वजह है कि चारों ओर सोनू सूद की प्रशंसा हो रही है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/392m0n9
via patrika

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ