मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को गोपालगंज के बंगराघाट पुल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। उद्घाटन सुबह 11:30 बजे होना था। इससे पहले ही मंगलवार रात करीब 12:30 पुल की एप्रोच रोड बाढ़ के पानी में बह गई। करीब 50 मीटर सड़क टूटी, जिसे आनन-फानन में ठीक किया गया। उद्घाटन से करीब 30 मिनट पहले मरम्मत पूरी हुई।
6 साल में बना पुल
11 अप्रैल 2014 को मुख्यमंत्री ने 509 करोड़ की लागत से महासेतु परियोजना का शिलान्यास राजापट्टी में किया था। पुल के चालू होने से 6 जिलों की करीब 8 लाख की आबादी की आवाजाही में सहूलियत होगी। इससे गोपालगंज, सीवान और सारण से मुजफ्फरपुर की दूरी 55 किमी, दरभंगा की दूरी 65 किमी और जनकपुर की दूरी 70 किमी कम हो जाएगी।
तेजस्वी यादव ने उठाया सवाल
नीतीश कुमार ने वर्षों से 509 करोड़ की लागत से बन रहे बंगरा घाट पुल का अभी आनन-फानन में उद्घाटन कर दिया लेकिन पुल की अप्रोच पथ टूटी हुई है। टूटे हुए पुलों, पथों और बाँधों के उद्घाटन की इन्हें इतनी जल्दी क्यों है? उद्घाटन से पहले ही पथ टूटना इनके काले भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है? pic.twitter.com/JuyfxrkDi9
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 12, 2020
पिछले महीने गोपालगंज में ही उद्घाटन के 29 दिन बाद एप्रोच रोड टूटी थी
गोपालगंज के बैकुंठपुर में पिछले महीने गंडक नदी पर बना पुल उद्घाटन के 29 दिन बाद ही बह गया था। यह पुल गंडक की सहायक नदी सोती पर बनाया गया था। 16 जून को इसका उद्घाटन किया गया था। इसकी लागत करीब 264 करोड़ रुपए बताई जा रही है। कंपनी वशिष्ठा ने यह पुल बनाया था।
बिहार सरकार ने दावा किया था कि गंडक नदी पर बना सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर ज्यादा है। इस कारण पुल के एप्रोच रोड का हिस्सा कट गया था।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Source http://bhaskar.com
0 टिप्पणियाँ