DIGITELNEWS पर पढ़ें हिंदी समाचार देश और दुनिया से,जाने व्यापार,बॉलीवुड समाचार ,खेल,टेक खबरेंऔर राजनीति के हर अपडेट

 

अयोध्या में प्रयोग, फिल्मी सितारे करेंगे रामलीला; पहली बार डीडी नेशनल पर लाइव प्रसारण; राम के वस्त्र जनकपुरी से तो रावण के श्रीलंका से पहुंचे

(विजय उपाध्याय) अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बीच इस बार की रामलीला बेहद खास होने जा रही है। सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपराओं को बचाने के लिए नए प्रयोग हो रहे हैं। यहां सरयू नदी के किनारे लक्ष्मण किला मंदिर में भव्य रामलीला की तैयारी चल रही है। फिल्मी दुनिया के जाने-माने कलाकार बुलंद आवाज में रामायण के संवाद का रिहर्सल कर रहे हैं।

पहली बार डीडी नेशनल और सोशल मीडिया चैनल्स पर 17 से 25 अक्टूबर तक शाम 7 बजे से 10 बजे तक प्रसारण होगा। इस रामलीला को रिकाॅर्ड कर एक हफ्ते बाद 14 भाषाओं में यू-ट्यूब पर अपलोड किया जाएगा। राम और सीता की भूमिका सोनू डागर और कविता जोशी तो रावण का किरदार शहबाज खान निभाएंगे। भोजपुरी कलाकार और सांसद मनोज तिवारी अंगद और रवि किशन भरत की भूमिका में दिखेंगे।

अयोध्या की रामलीला के लिए प्रभु श्रीराम की ससुराल जनकपुरी नेपाल से राजशाही वस्त्र बनकर आए हैं। माता सीता के गहने अयोध्या में ही तैयार हुए है। भगवान श्रीराम जी का धनुष कुरुक्षेत्र से और रावण की कई पोशाकों में से एक पोशाक श्रीलंका में बनी है। इस रामलीला की तैयारियों में जुटे स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता इस नए प्रयोग को लेकर उत्साहित है।

वे कहते हैं कि देश-दुनिया के रामभक्त और लीला प्रेमी इस रामलीला का आनंद उठा सकेंगे। हालांकि अयोध्या की अनवरत चली आ रही परंपरागत रामलीला नहीं होगी। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. वाईपी सिंह बताते हैं कि अनवरत राम लीला से देश भर की रामलीला मंडलियों के करीब 400 कलाकार जुड़े हुए हैं। कोशिश की गई थी कि रामकथा पार्क में खुले में रामलीला प्रस्तुत हो, लेकिन दर्शकों की भीड़ की संभावना को देखते हुए अनुमति नही मिली।

अयोध्या की रामलीला पर श्रीराम जन्मभूमि के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास बताते हैं कि ऐसा माना जाता है कि अयोध्या में रामलीला कभी बंद नही हुई। लेकिन 400 वर्षों से हो रही रामलीला की शुरुआत का श्रेय तुलसीदास के समकालीन मेघाभगत को जाता है।

यहां कभी राजद्वार भवन में होने वाली रामलीला बेहद लोकप्रिय हुआ करती थी। यह खुले में होती थी, जिसमें रामचरित मानस और राम के दूसरे महाकाव्यों के दोहे चौपाइयों का प्रयोग होता था। पूरी लीला के दौरान हर घटना के मुताबिक दोहे और चौपाइयों को स्वर पाठ होता था। लेकिन बाद में किन्ही कारणों से यह बंद हो गई।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
film stars will do Ramlila in ayodhya; Live broadcast on DD National for the first time; Rama's clothes arrived from Janakpuri and Ravana's from Sri Lanka
Source http://bhaskar.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ