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'लव जिहाद' पर बोलें Naseeruddin Shah, कहा- 'हिंदू-मुस्लिम में दूरी बनाए रखने के लिए बनाया गया है यह मुद्दा'

नई दिल्ली। बॉलीवुड में कई ऐसी दिग्गज हस्तियां हैं जो अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपने खुलकर बोलने के अंदाज से भी पहचाने जाते हैं। जिसमें से एक हैं अभिनेता नसीरुद्दीन शाह। नसीरुरद्दीन जितना अपनी फिल्मों से सबका ध्यान खींचते हैं। उतना ही वह अपने बेबाक बयानों से भी लाइमलाइट में बने रहते हैं। यही वजह है कि अक्सर उन्हें ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन बावजूद इसके वह कभी भी अपनी बात रखे बिना हटते नहीं हैं। वहीं अब लव जिहाद मामले पर अपना बयान देकर वह एक बार फिर से चर्चा का विषय बन चुके हैं।

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दरअसल, अभिनेता ने लव जिहाद मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया रखी है। जिसमें उन्हें इस मुद्दे को तमाशा बताया है। नसीरुद्दीन के मुताबिक शादी के बाद धर्म को बदलना बेहद ही गलत बात है। हाल ही में नसीरुद्दीन ने एक यूट्यूब चैनल को अपना इंटरव्यू दिया था। जहां उन्होंने लव जिहाद के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि देश में हिंदू-मुसलमान के बीच दूरी लाई जाए इसी वजह से लव जिहाद के मुद्दे को रखा गया है। इस मुद्दे के आधार पर ही हिंदू और मुसलमानों को बांटा जा रहा है। जैसे की यूपी में हो रहे लव जिहाद का तमाशा देख लीजिए।

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नसीरुद्दीन ने आगे अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा कि जिन भी लोगों ने लव-जिहाद का मामला उठाया है। उन्हें असल में जिहाद का अर्थ तक नहीं पता। अभिनेता कहते हैं कि उनकी समझ में यह बात बिल्कुल नहीं आती कैसे लोग यह सोच लेते हैं कि मुसलमान लोग हिंदुओं की संख्या पर हावी हो जाएंगे। क्या ऐसा करने से हिंदुओं से ज्यादा मुसलमान हो जाएंगे। इसके लिए मुस्लिम्स को ढेरा सारे बच्चे पैदा करने होंगे।

लव जिहाद के मुद्दे पर बात करते हुए एक्टर ने अपनी निजी जिंदगी के बारें भी बात की है। नसीरुद्दीन कहते हैं कि उन्होंने जब एक्ट्रेस रत्ना पाठक से शादी की थी। तब उनकी मां ने भी उनसे पूछा था कि क्या वह रत्ना से भी धर्म परिवर्तन करवाएंगे? जिस पर उन्होंने साफ शब्दों में ना कहा था। नसीरुद्दीन बताते हैं कि उनके मां बिल्कुल भी पढ़ी-लिखीं नहीं थीं। वह एक रूढ़ीवादी परिवार से ताल्लुक रखती थीं। वह दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ती थीं। रोजे भी रखती थीं। बावजूद इसके वह जमानें में भी धर्म परिवर्तन के सख्त खिलाफ थीं। अभिनेता ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को हर धर्म को लेकर शिक्षा दी है। उन्होंने अपने बच्चों को हर धर्म को मनाने की बात सिखाई है। जिसे मतभेद धीरे-धीरे कम हो जाएंगे।



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