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'हाथी' से सबको रौंदने को बेकरार ये 2 यंग ब्रिगेड कौन, क्यों हो रही यूपी के रण में चहुंओर चर्चा?

लखनऊ यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को लेकर इस वक्त जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा है वह है उसकी 'यंग ब्रिगेड'। इस 'यंग ब्रिगेड' का चेहरा हैं आकाश आनंद और कपिल मिश्र। इन दोनों चेहरों की सक्रियता भविष्य में एक बड़े बदलाव का संकेत भी मानी जा रही है। दोनों चेहरे इस मायने में भी महत्वपूर्ण हैं कि आकाश आनंद जहां बीएसपी चीफ मायावती के भतीजे हैं, वहीं कपिल मिश्र बीएसपी में मायावती के बाद नंबर दो समझे जाने वाले सतीश मिश्र के बेटे हैं। दोनों के बारे में बता रहे हैं नवभारत टाइम्स के दीप सिंह: नई जिम्मेदारियों का नया आकाश मंच से 25 साल का युवा सामने मौजूद भीड़ से सवाल करता है, 'क्या आप लोग मेरी बात मानेंगे?' भीड़ से आवाज आती है, 'हां'। युवा कहता है, सुनाई नहीं दिया। वह एक बार फिर पूछता है, क्या आप मेरी बात मानेंगे? इस बार भीड़ से और तेज आवाज आती है- हां। फिर वह पूछता है, 'क्या सामने वाले की जमानत जब्त कराएंगे?' भीड़ से एक बार फिर जोर से आवाज आती है- हां। यह युवा बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद हैं। पिछले साल मायावती ने उनको राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दे दी थी लेकिन इस चुनाव में उनकी भूमिका और खास होने वाली है। उन्हें युवाओं को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद ने लंदन से एमबीए किया है। वह 2017 से ही मायावती के साथ नजर आ रहे हैं लेकिन अब वह अलग सभाएं कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली बीएसपी के राष्ट्रीय कार्यालय में युवाओं के साथ एक सभा की थी। इसके अलावा राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर होने के नाते वह दूसरे प्रांतों में भी बैठकें कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय आकाश, जल्द उतरेंगे मैदान में अब 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी बीएसपी जोर-शोर से कर रही है। ब्राह्मण सम्मेलनों के साथ ही सभी जातियों के नेताओं को भी सभाएं करने के लिए अलग-अलग मैदान में उतार दिया गया है। वे विधान सभा स्तर पर सम्मेलन कर रहे हैं। माना जा रहा है कि देश भर में बैठकें कर रहे आकाश आनंद भी जल्द यूपी चुनाव में नजर आएंगे। यहां वह युवा सम्मेलन करेंगे। सम्मेलनों का कार्यक्रम पार्टी ने तैयार कर लिया है। इसके अलावा मायावती और पार्टी के अन्य बड़े नेताओं के साथ भी वह कई सभाओं में शामिल होंगे। आकाश आनंद सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। दिल्ली में युवाओं के साथ मीटिंग करते ही उन्होंने ट्वीट किया, 'बीएसपी के कुछ समर्पित युवा साथियों के साथ भविष्य की योजनाओं को लेकर बातचीत हुई। महंगाई, रोजगार, समानता और सुरक्षा के मुद्दे पर पूरे देश में युवा साथियों के साथ संवाद की एक शुरुआत हुई है। मान्यवर कांशीराम जी के विचार और आदरणीय मायावती जी के शासन की उपलब्धियां जन जन तक पहुंचाना है।' जनधारणा यह भी है कि आकाश ही मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगे। पिता की ताकत बनते कपिल सतीश चंद्र मिश्र के पुत्र कपिल मिश्र अपने पिता की तरह पेशे से वकील हैं। नोएडा के एमिटी विश्वविद्यालय से उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है। वह इन दिनों सतीश चंद्र मिश्र के साथ ब्राह्मण सम्मेलनों में भी मंच पर दिखाई देते हैं। बीएसपी के लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को मायावती ने संबोधित किया था। उस मंच पर भी कपिल मिश्र नजर आए थे। हाल ही में उन्होंने अपने पिता सतीश चंद्र मिश्र के कार्यालय पर युवाओं के साथ एक बैठक की। वह लखनऊ में इस तरह की बैठकें लगातार करेंगे। इसमें प्रदेश भर से युवा आएंगे। उसके बाद कपिल मिश्र दूसरे जिलों में भी जाकर युवा सम्मेलन करेंगे। युवा सम्मेलनों में कपिल मिश्र का फोकस बहुत साफ है। लखनऊ में हुए सम्मेलन में उन्होंने युवाओं के मुद्दों पर ही बात की और बताया कि क्यों बीजेपी को हराना जरूरी है? उन्होंने अपने भाषण में युवाओं से कहा कि 'बीजेपी की सरकार में ही युवा सबसे अधिक परेशान और प्रताड़ित हैं। आप बेरोजगारी की समस्या से लड़ रहे हैं। मैं इस लड़ाई में आपके साथ हूं लेकिन सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि हमारी समस्याओं का कारण क्या है? इसका कारण है बीजेपी सरकार। बीजेपी सरकार को हटाकर ही युवाओं की समस्याएं खत्म की जा सकती हैं। वहीं बीएसपी सरकार ने पहले भी रोजगार दिए थे और अब भी यही पार्टी हमारी समस्याओं का समाधान कर सकती है।' युवाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश कपिल सोशल मीडिया की अहमियत और खामियां भी युवाओं को गिनाते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपनी तारीफों के पुल बांधती है। उस बहकावे में हमें नहीं आना है लेकिन हमें अपनी सही बात रखने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल खुलकर करना चाहिए। आजकल ज्यादातर युवा सोशल मीडिया पर हैं। इसके जरिए भी हम बड़ा बदलाव कर सकते हैं। कपिल खुद भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। कपिल की सक्रियता उनके पिता को ताकत देगी। बीएसपी सुप्रीमो मायावती के करीबी पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को एक बार फिर अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह जिम्मेदारी है 2007 दोहराने की। वह सोशल इंजीनियरिंग, जिसके जरिए पहली बार बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। दलितों के साथ ब्राह्मणों को एक बार फिर पार्टी से जोड़ने के लिए सतीश चंद्र मिश्र लगातार सम्मेलन कर रहे हैं।
Source navbharattimes

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