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नमामि गंगे 2.0 शुरू करेगी मोदी सरकार, अगस्‍त तक खर्च किए 11,842 करोड़ रुपये

नई दिल्‍ली केंद्र सरकार गंगा एवं सहायक नदियों की स्वच्छता एवं निर्मलता के अभियान को और गति प्रदान करने के लिये ‘‘नमामि गंगे 2.0’’ परियोजना शुरू करेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने को बताया, ‘‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत ‘नमामि गंगे 2.0’ परियोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इसकी शुरुआत के लिए प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। नमामि गंगे 2.0 परियोजना संबंधी प्रस्ताव पर आधिकार सम्पन्न वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में विचार किया गया है। अभी यह प्रस्ताव वित्त विभाग के समक्ष है।’’ उन्होंने बताया कि अगले महीने तक इस परियोजना के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया, ‘‘नमामि गंगे परियोजना को आगे पांच साल के लिये बढ़ाया जायेगा। इसमें पूरी हुई परियोजनाओं के रख-रखाव पर खास ध्यान दिया जायेगा।’’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 मई 2015 को एक व्यापक कार्यक्रम के तहत गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों के संरक्षण के लिये नमामि गंगे परियोजना को मंजूरी दी थी। इस परियोजना को पांच वर्ष में पूरा करने के लिये कुल 20,000 करोड़ रूपये आवंटित किये गये थे। अब तक 30 हजार करोड़ आवंटितराष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2021 तक नमामि गंगे परियोजना के लिये 30,255 करोड़ रूपये आवंटित किये गए हैं और 11,842 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। अगस्त माह तक 167 परियोजनाओं पर काम पूरा हो गया है, 145 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है तथा 28 परियोजनाओं पर निविदा की प्रक्रिया चल रही है।’’ दूसरे चरण में कहां-कहां फोकससूत्रों ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के दूसरे चरण के तहत जल मल संयंत्रों (एसटीपी) सहित समस्त परियोजनाओं के रख-रखाव पर जोर दिया जायेगा। इसमें उत्तर प्रदेश में आगरा, मेरठ, सरहारनपुर जैसे शहरों तथा बिहार में बक्सर, मुंगेर, बेगुसराय सहित अन्य क्षेत्रों में परियोजनाओं पर काम पूरा किया जायेगा। इसके साथ ही शहरी स्थानीय निकायों से जुड़े कार्यक्रमों एवं योजनाओं तथा यमुना, काली एवं अन्य सहायक नदियों की स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं पर भी कार्य होगा। नमामि गंगे एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन संबंधी व्यापक प्रस्ताव का आशय भारत सरकार की गंगा पुनरुद्धार से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं को मिलाकर योजना के आकार, कार्यक्रमों एवं क्षेत्रों को बढ़ाना है।
Source navbharattimes

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