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आप प्लीज आ जाइए? 302 के केस में ऐसे ही होता है क्या.... SC ने UP सरकार को लगाई फटकार

नई दिल्ली लखीमपुर कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आरोप 302 का है तो आप उसे भी वैसे ही ट्रीट करें जैसे बाकी मर्डर केस में आरोपी के साथ किया जाता है। दरअसल, आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे पर है। विपक्ष और किसान गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले सुबह 10 बजे पुलिस ने आशीष को बुलाया था। यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि एक आरोपी को नोटिस दिया गया है और कल बुलाया गया है। पढ़िए लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा: 1. पुलिस के सामने आरोपी के पेश होने पर सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि 302 के आरोप में ये नहीं होता कि प्लीज आ जाएं। नोटिस किया गया है कि प्लीज आइए। 2. चीफ जस्टिस ने कहा कि मौके पर चश्मदीद गवाह हैं। हमारा मत है कि जहां 302 का आरोप है वह गंभीर मामला है और आरोपी के साथ वैसा ही व्यवहार होना चाहिए जैसे बाकी केसों में ऐसे आरोपी के साथ होता है। क्या बाकी केस में आरोपी को नोटिस जारी किया जाता है कि आप प्लीज आ जाइए? 3. साल्वे ने कहा कि आरोप लगाया गया था कि गोली मारी गई है लेकिन गोली की बात पोस्टमॉर्टम में नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या ये ग्राउंड है कि आरोपी को न पकड़ा जाए? साल्वे बोले कि नहीं केस गंभीर है। 4. चीफ जस्टिस ने कहा कि गंभीर केस है...लेकिन केस को वैसे नहीं देखा जा रहा है। हम समझते हैं कि इस तरह से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कथनी और करनी में फर्क नजर आ रहा है। 5. चीफ जस्टिस ने कहा कि साधारण स्थिति में 302 यानी मर्डर केस में पुलिस क्या करती है? वह आरोपी को गिरफ्तार करती है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आरोपी कोई भी हो, कानून को अपना काम करना चाहिए। साल्वे ने कहा कि जो भी कमी है कल तक ठीक हो जाएगा। 6. लखीमपुर खीरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रहें। 7. चीफ जस्टिस ने उस खबर पर नाराजगी जताई जिसमें कहा गया है कि चीफ जस्टिस लखनऊ में पीड़ित से मिलने गए थे। चीफ जस्टिस ने कहा कि ये खुद समझना चाहिए कि ये कैसे हो सकता है...मैं कोर्ट में हूं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक वैकल्पिक एजेंसी के बारे में अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है जो मामले की जांच कर सकती है। बेंच ने कहा कि यूपी सरकार ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है लेकिन हम राज्य सरकार के उठाए गए कदम से संतुष्ट नहीं है। हम छुट्टियों बाद तुरंत 20 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे।
Source navbharattimes

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