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जनसंख्या बढ़ रही है...बढ़ती ही जा रही है, संघ प्रमुख ने कहा- 50 साल आगे की सोच कर बनाए नीति

नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरा के अवसर पर अपने संबोधन में बढ़ती जनसंख्या को लेकर अपनी राय व्यक्त की। संघ प्रमुख नागपुर के रेशमबाग मैदान में वार्षिक विजयादशमी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए। साथ ही उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है। जनसंख्या के साथ ही उसका असंतुलन भी समस्यासंघ प्रमुख ने कहा कि लोग पहले नहीं कहते थे, अब कहते हैं कि ये जनसंख्या का क्या करेंगे बढ़ती जा रही है...बढ़ती ही जा रही है। तो जनसंख्या नीति तो होनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने यहां विचार हुआ है। एक परिवार में दो बच्चे रहें, ऐसा विद्वानों ने निश्चित किया और सरकार ने उसे स्वीकार किया। मोहन भागवत ने कहा कि हमें लगता है कि एक बार फिर से जनसंख्या नीति पर विचार कर लेना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि जैसे जनसंख्या एक समस्या बन सकती है वैसे ही जनसंख्या का असंतुलन भी एक समस्या बनती है। अभी युवाओं का देश 30 साल बाद कौन खिलाएंगाउन्होंने कहा कि अभी हम युवाओं का देश हैं और 56-57 प्रतिशत देश में युवा हैं। भागवत ने कहा कि 30 साल के बाद ये सभी बूढ़े बनेंगे। उनको खिलाने के लिए भी हाथों की जरूरत होगी। उस समय काम करने वाले कितने लोगों की जरूरत होगी इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है। संघ प्रमुख ने बढ़ती जनसंख्या के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले दबाव की चर्चा की। पानी का मर्यादित ढंग से प्रयोग करेंसंघ प्रमुख ने कहा कि हमें पानी को मर्यादित ढंग से प्रयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया तो सबके लिए समस्या हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हम सुखी होंगे तो लोग सुखी होंगे। मोहन भागवत ने कहा कि हमें प्लास्टिक का यूज कम से कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसे हम सिंगल यूज प्लास्टिक कहते हैं उसे जीवन से हटाने की बारी आ गई है। उन्होंने कहा कि आज घर से लेकर आंगन, मोहल्ले, गांव और खेतों तक हरियाली बढ़ाने और वृक्षारोपण की जरूरत है।
Source navbharattimes

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