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आर्यन खान मामले में प्रभाकर सैल ने मांगी सुरक्षा, समीर वानखेड़े से बताया जान का खतरा

मुंबई आर्यन खान मामले में तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है। इस मामले में समीर वानखेड़े के खिलाफ 8 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप लगाने वाले पंच विटनेस प्रभाकर सैल ने मुंबई पुलिस से खुद के लिए सुरक्षा की मांग की है। प्रभाकर सैल ने मुंबई के सहार पुलिस स्टेशन में अपना बयान भी दर्ज करवाया है। प्रभाकर ने कहा है की एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े से उनकी जान को खतरा है। ऐसे में उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जानी चाहिए। जानकारी के मुताबिक प्रभाकर सैल ने सहार पुलिस स्टेशन में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा की जा रही क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले की जांच को लेकर शिकायत भी दर्ज करवाई है। आपको बता दें कि प्रभाकर आज सुबह मुंबई पुलिस कमिश्नर ऑफिस में क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट सीपी मिलिंद भारंबे से भी मिले थे। समीर वानखेडे के खिलाफ जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। एक के बाद एक उनके ऊपर हो रहे आरोपों के मद्देनजर अब उनके खिलाफ इंटरनल इंक्वायरी का आदेश जारी किया गया है। विभागीय जांच का यह आदेश नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी ने जारी किया है। अब समीर वानखेडे के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की विजिलेंस टीम जांच करेगी। समीर वानखेड़े की मुश्किलें अब दो तरफा बढ़ने वाली हैं। एक तरफ जहां खुद एनसीबी की तरफ से ही उनके खिलाफ जांच की जाएगी। वहीं अब प्रभाकर सैल के हलफनामे के बाद मुंबई पुलिस भी उनके खिलाफ एक्सटॉर्शन के आरोपों के तहत जांच शुरू कर सकती है। प्रभाकर सैल सोमवार की सुबह मुंबई के कमिश्नर ऑफिस पहुंचे थे। आर्यन ड्रग्स केस में नया मोड़ इस केस के दो पंचों में से एक प्रभाकर सैल ने एनसीबी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सैल ने कोर्ट में एफिडेविट दिया है कि एनसीबी की तरफ से शाहरुख खान के बेटे पर केस न बनाने के लिए दूसरे पंच किरण गोसावी के जरिए रिश्वत मांगी गई थी। उन्होंने दावा किया कि 25 करोड़ रुपये की डीलिंग हुई थी। इसमें एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे को 8 करोड़ रुपये देने की बात उन्होंने फोन पर सुनी थी। समीर वानखेडे ने इन आरोपों को दुखद और निंदनीय करार देते हुए कहा कि यह एफिडेविट एनडीपीएस कोर्ट में है, इसलिए वहीं इसका जवाब देंगे। प्रभाकर को एनसीबी ने पंच गवाह बनाया था निजी जासूस किरण गोसावी और उनके बॉडीगार्ड प्रभाकर सैल को एनसीबी ने रेड के लिए पंच गवाह बनाया था। उनके सामने रेड की जानी थी। प्रभाकर का दावा है, 'रेड के वक्त गोसावी तो अंदर थे, लेकिन मैं बाहर था। बाद में एनसीबी ऑफिस ले जाकर मुझसे 10 सादा कागजों पर दस्तखत कराए गए। इसके बाद गोसावी किसी सैम डिसूजा से मिले। मैंने गोसावी को सैम से फोन पर यह कहते सुना कि तुमने 25 करोड़ का बम रख दिया। चलो 18 पर फाइनल करते हैं क्योंकि हमें 8 करोड़ समीर वानखेडे को भी देने हैं।' प्रभाकर ने कहा कि मुझे एनसीबी अधिकारियों से जान का खतरा है। सैल ने कोर्ट में एफिडेविट तो दिया ही है, उसका विडियो भी सामने आया है। उसने आरोप लगाया कि उसके सिग्नेचर 2 अक्टूबर को क्रूज शिप के अंदर या बाहर कहीं लिए ही नहीं गए।
Source navbharattimes

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