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पेंडोरा पेपर्स में शामिल भारतीयों की निकलेगी कुंडली, बख्‍शने के मूड में नहीं सरकार, होगी जांच

नई दिल्‍ली पेंडोरा पेपर्स में जिन भारतीयों का नाम है, उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सरकार ने () से जुड़े मामलों में जांच के निर्देश दिए हैं। इसमें भारत सहित दुनियाभर के तमाम उद्योगपतियों, राजनेताओं और सेलिब्रिटी के गैर-कानूनी निवेश का खुलासा किया गया है। यह जांच कई एजेंसियों का समूह मिलकर करेगा। इसकी अध्‍यक्षता केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन करेंगे। समूह में सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय (ED), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्‍तीय खुफिया यूनिट के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। सीबीडीटी के आधिकारिक प्रवक्‍ता ने यह जानकारी दी। इन टैक्‍स चोरों की कुंडली निकलवाने के लिए केंद्र सरकार अलग-अलग देशों से भी संपर्क करेगी। इनके संबंध में हर तरह की सूचनाएं प्राप्‍त की जाएंगी। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) के पेंडोरा पेपर्स में मीडिया समूह के मालिकों से लेकर सेना के जवानों के परिवार के सदस्यों से लेकर व्यवसायियों, अधिकारियों और सेलिब्र‍िटी तक की पहचान की गई है। क्‍या हैं पेंडोरा पेपर्स? आईसीआईजे ने 1.19 करोड़ से ज्‍यादा गोपनीय फाइलों का भंडार प्राप्त किया है। इसने 150 समाचार आउटलेट्स के 600 से ज्‍यादा पत्रकारों की एक टीम का नेतृत्व किया। इन्होंने दो साल तक उसके माध्यम से छानबीन की। पेंडोरा पेपर्स मीडिया जगत के 600 से ज्यादा पत्रकारों की वित्तीय सेवाओं से 1.19 करोड़ दस्तावेजों की जांच पर आधारित है। आईसीआईजे ने इसमें हार्ड-टू-फाइंड (मुश्किल से मिलने वाले) स्रोतों को ट्रैक किया है। अदालत के रिकॉर्ड और दर्जनों देशों से अन्य सार्वजनिक दस्तावेजों की भी जांच-पड़ताल की। ज्‍यादातर देशों में संपत्ति का विदेश में होना या राष्ट्रीय सीमाओं के पार व्यापार करने के लिए शेल कंपनियों (मुखौटा कंपनियां का उपयोग करना अवैध नहीं है। दावा किया गया है कि पेपर्स में 90 देशों से ज्‍यादा के 330 राजनेताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। इस लिस्‍ट में 380 भारतीयों के नाम होने की बात कही गई है। इन्‍होंने लाखों लाख डॉलर के निवेश को छुपा टैक्‍स बचाने के लिए गैर-कानूनी तरीके से वित्‍तीय लेनदेन किए। इनमें दुनियाभर के हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के नाम हैं। तेंदुलकर का नाम आने के बाद मचा हड़कंप पेंडोरा पेपर्स की जांच में मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर का नाम भी लिया गया है। पेंडोरा पेपर्स विदेशी कंपनियों, गुप्त बैंक खातों, निजी जेट, नौकाओं, हवेली और यहां तक कि पाब्लो पिकासो, बैंक्सी और अन्य मास्टर्स की कलाकृतियों के गुप्त मालिकों का पदार्फाश करता है। आईसीआईजे की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ तेंदुलकर ही नहीं, बल्कि पॉप संगीत दिवा शकीरा, सुपर मॉडल क्लाउडिया शिफर और एक इटालियन मॉबस्टर भी विदेशी संपत्ति के गुप्त दस्तावेज रखने वाले लोगों में शामिल हैं। हालांकि, तेंदुलकर के वकील ने कहा है कि क्रिकेट खिलाड़ी का निवेश कानूनी है और कर अधिकारियों को इसकी घोषणा कर दी गई है। शकीरा के वकील ने कहा कि गायिका ने अपनी कंपनियों की घोषणा की, जिसके बारे में वकील ने कहा कि टैक्‍स लाभ प्रदान न करें। शिफर के प्रतिनिधियों ने कहा है कि सुपरमॉडल ब्रिटेन में अपने टैक्‍सों का सही भुगतान करती हैं, जहां वह रहती हैं। इस लिस्‍ट में रूस, अमेरिका, भारत, पाकिस्‍तान और मेक्सिको के 100 बिलियनेयर के साथ-साथ सेलिब्रिटी का नाम है। इन्‍होंने चोरी से तरह-तरह के एसेट खरीदने के लिए शेल फर्मों और इनकॉग्निटो बैंक खातों का इस्‍तेमाल किया। सरकार करेगी उचित कार्रवाई भारत सरकार ने एक बयान जारी कर साफ किया है कि वह मामले में उचित कार्रवाई करेगी। कानून के अनुसार विभिन्‍न एजेंसियां मामलों की जांच करेंगी। सीबीडीटी ने कहा है कि भारत सरकार इंटर-गवर्नमेंटल ग्रुप का हिस्‍सा है। यह ऐसे लीक्‍स से जुड़े खतरों को साझा करने के लिए आपसी सहायता करता है। इसमें कहा गया है कि मीडिया में अब तक सिर्फ कुछ भारतीयों का नाम ही सामने आया है। यहां तक आईसीआईजे की वेबसाइट पर भी सभी के नाम और अन्‍य विवरण जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में इस मामले में स्थित साफ होने का इंतजार है।
Source navbharattimes

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