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सिंघु बॉर्डर की घटना पर राकेश टिकैत पर क्यों भड़का लोगों का गुस्सा?

नई दिल्‍ली हरियाणा में सोनीपत जिले के कुंडली में किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक व्यक्ति का शव मिलने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत पर लोग भड़क गए हैं। शुक्रवार को ट्विटर पर सिंघु बॉर्डर और टिकैत ट्रेंड होने लगा। लोग सरकार से सख्‍त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्‍होंने राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने की मांग की है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि अगर राकेश टिकैत ने लखीमपुर में मॉब लिंचिंग को सही नहीं ठहराया होता तो कुंडली सीमा पर एक युवक की हत्या नहीं हुई होती। किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे अराजकतावादियों को बेनकाब करने की जरूरत है। इस दौरान चुप्‍पी मारकर योगेंद्र यादव उनके बगल में बैठे हुए थे। कुछ दिन पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी की घटना पर बड़ा बयान दिया था। उन्‍होंने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने वालों को अपराधी नहीं मानते। कारण है कि उन्होंने केवल प्रदर्शनकारियों पर एसयूवी चलाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने कहा था, 'लखीमपुर खीरी में चार किसानों पर कारों का काफिला चढ़ाए जाने के बाद दो भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या क्रिया की प्रतिक्रिया है। मैं इन हत्याओं में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता।' इस तरह टिकैत ने मोटे तौर पर कानून हाथ में लेने वालों को एक तरह से क्‍लीन चिट दे दी थी। जिस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में राकेश टिकैत ने ये बातें कही थीं, उसमें उनके साथ बगल में योगेंद्र यादव भी थे। क्‍या है मामला? हरियाणा में सोनीपत जिले के कुंडली में किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास शुक्रवार को एक व्यक्ति का शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला। शव का एक हाथ कटा हुआ था। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक को सिखों की पवित्र किताब गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के लिए सजा दी गई है। पुलिस ने कहा कि मृतक की पहचान लखबीर सिंह के तौर पर हुई है। वह पंजाब के तरण तारण का रहने वाला है। उसे एक मजदूर बताया गया है। उसकी आयु 35 साल के आसपास है। उसका शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों की ओर से बनाए एक मंच के पास है। किसानों का प्रदर्शन स्थल सिंघु में दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास स्थित है। भड़क गए लोग सोशल मीडिया पर इस व्‍यक्ति की वीभत्‍स तस्‍वीरें वायरल होने के बाद लोगों का गुस्‍सा फूट पड़ा। उन्‍होंने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर हिंसा की सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं। इससे पहले 26 जनवरी की हिंसा, लड़की के साथ रेप, पंजाब में भाजपा नेता के साथ अभद्रता और बल्लभगढ़ में जलाकर मारने की घटना सामने आई थी। ये किसान नहीं हो सकते। लोगों ने टिकैत को गिरफ्तार करने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि ऐसा करते ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। लोगों ने कहा कि यह विरोध नहीं है, बल्कि आतंकियों जैसी अमानवीयता है। इस हत्या के लिए सीधे तौर पर टिकैत जैसे नेताओं को जिम्मेदार मानते हुए जांच होनी चाहिए। क्‍या यह भारत में ईशनिंदा के लिए लिंचिंग नहीं है? बर्बरता से की गई हत्‍या सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक के शरीर पर केवल पतलून थी। पुलिस ने घटना के संबंध में प्रदर्शन स्थल के पास लोगों से पूछताछ करने की कोशिश की है। शुरुआत में कुछ लोगों ने इलाके में पुलिस के प्रवेश का विरोध किया और पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया। वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि निहंग उस व्यक्ति से पूछ रहे हैं कि वह कहां से आया है। व्यक्ति को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था। पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के बारे में पूछे जाने पर सोनीपत के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत सिविल अस्पताल भेजा गया है। किसान मोर्चा ने झाड़ा पल्‍ला संयुक्त किसान मोर्चा ने इस नृशंस हत्या की निंदा करते हुए पल्‍ला झाड़ लिया है। उसने कहा है कि वह साफ कर देना चाहता है कि इस घटना के दोनों पक्षों, निहंग समूह/ग्रुप या मृतक व्यक्ति, का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। वह किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। उसने मांग की है कि इस हत्या और बेअदबी के षडयंत्र के आरोप की जांच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए। संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानून सम्मत कार्यवाही में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा। योगेंद्र यादव ने जैसे ही इस हत्‍या की निंदा करते हुए ट्वीट किया लोगों ने उन्‍हें भी जमकर खरी-खोटी सुनाई।
Source navbharattimes

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