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कश्मीर में हिंदू-सिखों की हत्या पर चुप्पी ओढ़ने वालों को PM मोदी ने सुनाई खरी खरी

नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर में सिखों और हिंदुओं की चुन-चुनकर हत्या पर पीएम नरेंद्र मोदी ने चुप्पी ओढ़े विपक्षी दलों और मानवाधिकारों के लिए जब-तब प्रदर्शन करने वाले लोगों को इशारों-इशारों में सुना दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। पीएम मोदी के इस बयान को पिछले दिनों कश्मीर में हिंदुओं और सिखों की टारगेट किलिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। 'सलेक्टिव व्यवहार लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक' पीएम मोदी ने के स्थापना दिवस पर बात इशारों में कही, लेकिन बेहद तीखी कही। पीएम मोदी ने कहा कि मानव अधिकारों पर चुनिंदा व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, 'मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है। 'अपना-अपना हित देखकर मानवाधिकार की व्याख्या करना गलत' मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। इस प्रकार की मानसिकता भी मानवाधिकार को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। 'भारत हमेशा मानवाधिकार पर संवदेनशील रहा' उन्होंने कहा, 'एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही है, भारत ने पूरी दुनिया को अधिकार और अहिंसा का मार्ग सुझाया है। बापू को देश ही नहीं, पूरा विश्व मानव अधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप मे देख रहा है। बीते दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आए हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है, संवेदनशील रहा है।
Source navbharattimes

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