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.303 राइफल, 120 जवान, लद्दाख में शौर्य की वह दास्तां जिससे चीन आज भी कांपता है

नई दिल्ली भारत और चीन (India China Standoff) के बीच पिछले कुछ वक्त से तनातनी जारी है। पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। भारतीय सेनाएं चीन की किसी भी नापाक चाल को ध्वस्त करने को तैयार हैं। कुछ इसी तरह भारतीय सेना ने 18 नवंबर 1962 को 'रेजांगला' (Rezangla Day)में ड्रैगन को करारा सबक सिखाया था। भारतीय जवानों ने अपने शौर्य से चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। तमाम कोशिशों के बावजूद चीनी सैनिक रेजांगला चौकी पर कब्जा नहीं कर पाए थे। 18,000 फीट की ऊंचाई पर भारतीय सैनिकों का पराक्रम 18 नवंबर 1962 को भारत-चीन (India-China War) युद्ध के दौरान 18,000 फीट की ऊंचाई पर रेजांगला पोस्ट पर कुमाऊं रेजिमेंट (All Ahir) के 120 जवानों ने अदभुत वीरता का परिचय दिया था। भारत के वीर जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान करते हुए चीनी सैनिकों को रेंजागला पोस्ट पर कब्जा नहीं करने दिया। इस युद्ध में कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों ने कई चीनी सैनिकों को मार गिराया। जवानों ने .303 के रायफल्स से चीनी सैनिकों को ऐसे घाव दिए जो ड्रैगन को आज भी सालता है। माइनस में तापमान, खाली हाथ जवानों ने सिखाया चीन को सबक मेजर शैतान सिंह (Major Shaitan Singh) के नेतृत्व में 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी ने शरीर को जमा देने वाली ठंड चीनी सैनिकों को छठी का दूध याद दिला दिया। इस युद्ध में मेजर शैतान सिंह और 98 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। हालांकि, शहादत देने से पहले भारतीय जवानों चीन के 400 सैनिकों को मार गिराया था। चीन तमाम कोशिशों के बाद भी रणनीतिक रूप से अहम इस पोस्ट पर कब्जा नहीं कर पाया था। चीन ने शुरू की थी नापाक हरकत 1962 के युद्ध हिस्ट्री के अनुसार, चीन ने 18 नवंबर को तड़के 4 बजे भारतीय इलाके में हमला शुरू कर दिया। चीन की सेना की मंशा लेह और चुशूल रोड लिंक को वाया दुंगती को ब्लॉक करने की थी। भारतीय जवानों ने चीन की इस हरकत का करारा जवाब दिया। मोर्टार, रायफल और फिर खाली हाथ.. भारतीय जवानों का शौर्य मेजर शैतान सिंह और उनकी कंपनी ने शुरुआत में 3 इंच के मोर्टार से लड़ाई शुरू की। फिर रायफल्स और उसकी बट से लड़ाई जारी रखी। इस दौरान भारतीय जवानों को किसी प्रकार की कोई हवाई मदद भी नहीं मिली थी। चीनी सेना ने दो तरफ से रेजांगला पोस्ट पर हमला किया था। यह भारतीय जवानों का शौर्य ही था कि चीनी सैनिक इस पोस्ट के पास फटक तक नहीं पाए थे। रेजांगला बन गया भारत का माथा रेजांगला को इस वक्त भारत की ताकत के तौर पर देखा जाता है। यह इलाका चीनी सीमा के काफी करीब है और यहां से LAC की दूसरी तरफ साफ-साफ देखा जा सकता है।
Source navbharattimes

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