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राजस्थान के पांच जाट मंत्रियों के बहाने यूपी की 64 सीटों को साधने की कोशिश, कांग्रेस की रणनीति समझिए

जयपुर राजस्थान मंत्रिमंडल में जाट समुदाय के कद और संख्या दोनों में इजाफा किया गया। इसे यूपी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। अशोक गहलोत मंत्रिपरिषद में इनकी संख्या बढ़कर पांच हो गई है। 'टीम गहलोत' में जाट समुदाय से पांच मंत्री गहलोत मंत्रिमंडल में पहले तीन जाट हरीश चौधरी, लालचंद कटारिया और गोविंद सिंह डोटासरा शामिल थे। अब चार नए जाट विधायकों हेमाराम चौधरी, रामलाल जाट, विश्वेन्द्र सिंह और बृजेंद्र ओला को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। ऐसे में अब टीम गहलोत में कुल 5 मंत्री जाट हो गए हैं, जिनमें से चार कैबिनेट में शामिल हैं और एक को राज्य मंत्री बनाया है। राजस्थान से यूपी की 64 सीटों पर नजर दरअसल, कांग्रेस राजस्थान से उत्तर प्रदेश पर निशाना साध रही है। कृषि कानून की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय से जुड़े लोग नाराज हैं। कांग्रेस इसमें अपने लिए मौका ढूंढ रही है। वेस्ट यूपी में जाटों का प्रभाव लगभग 100 विधानसभा सीटों पर दिखाई देता है। मगर इनमें 64 सीटों पर जाटों का दबदबा है। ये जीत-हार को प्रभावित कर सकते हैं। राजस्थान कैबिनेट में जाट विधायकों को जगह देकर कांग्रेस इस मेसेज को उत्तर प्रदेश तक पहुंचाना चाह रही है। 'शुभ-चिंतक' साबित करने की कोशिश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट बहुल विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने 2014, 2017 और 2019 में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। मगर किसान आंदोलन की वजह से वो भारतीय जनता पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि यूपी चुनाव से पहले पीएम मोदी ने कृषि कानून को वापस लेकर भरपाई करने की कोशिश की। सत्ता में नहीं रहने की वजह से कांग्रेस भाया मीडिया के जरिए ये मेसेज देना चाह रही है कि जाट समुदाय के लिए वो चिंतित हैं। अगर यूपी में उन्हें पॉवर मिलती है तो उनके लिए 'शुभ चिंतक' साबित होगी।
Source navbharattimes

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