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दिल्ली में फिर स्कूल खुलेंगे? जानिए क्या इशारा दे रही है राजधानी की पॉल्युशन रिपोर्ट

नई दिल्लीहवा की गति तेज होने से वातावरण में धूल-कण टिके नहीं पा रहे, जिससे प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ है। आज भी तेज हवाएं चल रही हैं जिससे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में थोड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या दिल्ली सरकार बुधवार को होने वाली समीक्षा बैठक में स्कूलों को खोलने का फैसला लेगी? ध्यान रहे कि प्रदूषण बढ़ने के कारण ही स्कूलों को बंद किया गया था। अनुमान है कि बुधवार से हवाएं कमजोर पड़ जाएंगी और हवा फिर से दमघोंटू हो जाएगी। आज हवा सुधरी, लेकिन कल से फिर बिगड़ने की आशंका आज दिल्ली में ज्यादातर जगहों पर एक्यूआई 250 से 300 के बीच है। वैसे राष्ट्रीय राजधानी में आज सबसे साफ हवा आयानगर की है जहां का एक्यूआई 218 है जो खराब कैटिगरी में है जबकि सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा मुंडका की है जो 302 एक्यूआई के साथ बहुत खराब कैटिगरी में है। इस तरह, मुंडका (बहुत खराब) को छोड़कर पूरी दिल्ली की हवा आज खराब कैटिगरी में ही है। के रिकॉर्ड के लिहाज से यह ठीकठाक स्थिति मानी जा सकती है। कल की मीटिंग में होगा स्कूल पर फैसला दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि प्रदेश सरकार के कर्मचारियों का मौजूदा 'वर्क फ्रॉम होम' सिस्टम और राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटाने और स्कूल दोबारा खोलने पर 24 नवंबर को फैसला लेंगे। राय ने कहा कि सरकार स्कूल, कॉलेज तथा अन्य शैक्षणिक संस्थान दोबारा खोलने और सरकारी कर्मचारियों की मौजूदा 'वर्क फ्रॉम होम' व्यवस्था पर फैसला बुधवार की समीक्षा बैठक में करेगी। उन्होंने कहा, 'दिल्ली में स्थिति में सुधार जारी रहता है, तो संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) संचालित गैर-जरूरी सामान से लदे ट्रकों को शहर में आने की अनुमति देने पर भी विचार-विमर्श करेंगे।' कंस्ट्रक्शन वर्क की फिर मिली छूट इससे पहले, दिल्ली सरकार ने एयर क्वॉलिटी में सुधार और श्रमिकों को हो रही असुविधा को देखते हुए निर्माण और तोड़फोड़ से संबंधित गतिविधियों पर से सोमवार को ही रोक हटा दी। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव के मद्देनजर बीते रविवार को गैर-जरूरी सामानों वाले ट्रक के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध और उसके कर्मचारियों के लिये 'वर्क फ्रॉम होम' (घर से काम) की सुविधा को 26 नवंबर तक बढ़ा दिया था। राय ने कहा, 'कुछ समय के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक 600 के पार था। हालांकि, वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए गए और हवा की गति में परिवर्तन से भी वायु प्रदूषण के स्तर में धीरे-धीरे कमी आई है।' 2 नवंबर से बिगड़ी हवा बहरहाल, हवाएं थोड़ा तेज चलीं तो राजधानी के लोगों को प्रदूषण से बड़ी राहत मिली। 2 नवंबर के बाद प्रदूषण इतने कम स्तर पर रहा है। हालांकि अब भी यह खराब स्तर पर ही बना हुआ है। अनुमान है कि बुधवार से हवा की गति मंद पड़ेगी और प्रदूषण में इजाफा होगा। इस साल नवंबर की शुरुआत सबसे साफ यानी खराब स्तर पर हुई थी। लेकिन 2 नवंबर से यह बेहद खराब पर पहुंच गई। उस दिन एक्यूआई 308 दर्ज किया गया था। इसके बाद से प्रदूषण में बेहद अधिक इजाफा रहा। महज इन 20 दिनों में 8 दिन प्रदूषण स्तर गंभीर रहा। दिवाली के बाद से अब प्रदूषण स्तर इतने नीचले स्तर पर पहुंचा है। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार सोमवार को राजधानी का एक्यूआई 311 रहा। बहादुरगढ़ में यह 302, बल्ल्भगढ़ में 215, फरीदाबाद 303, गाजियाबाद 254, ग्रेटर नोएडा में 202, गुरुग्राम 310, मानेसर 270 और नोएडा 270 पर रहा।
Source navbharattimes

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