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अरुणाचल बॉर्डर पर चीन ने बसा दिया पूरा गांव, सैटलाइट तस्वीरों से पूरी कारस्तानी समझिए

ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास विवादित इलाके में एक और नया गांव बसा दिया है। चीन इन गांवों को इस लिहाज से तैयार कर रहा है कि जरूरत पड़ने पर उनका सैन्य ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि, इंडियन आर्मी का कहना है कि नया बना गांव 'एलएसी के उत्तर में' चीन के नियंत्रण वाले इलाके में है।

पूर्वी लद्दाख में LAC पर पिछले डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव जारी है। एक तरफ तो इसे कम करने के लिए दोनों देशों के बीच एक के बाद एक कई दौर की बातचीत का सिलसिला भी चल रहा है, दूसरी तरफ चीन अब अरुणाचल प्रदेश से सटे एलएसी पर विवादित इलाकों में नई बस्तियां बसाने में जुटा है।


अरुणाचल बॉर्डर पर चीन ने बसा दिया पूरा गांव, सैटलाइट तस्वीरों से पूरी कारस्तानी समझिए

ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास विवादित इलाके में एक और नया गांव बसा दिया है। चीन इन गांवों को इस लिहाज से तैयार कर रहा है कि जरूरत पड़ने पर उनका सैन्य ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि, इंडियन आर्मी का कहना है कि नया बना गांव 'एलएसी के उत्तर में' चीन के नियंत्रण वाले इलाके में है।



नया गांव भारत के दावे वाले इलाके के 6 किलोमीटर भीतर!
नया गांव भारत के दावे वाले इलाके के 6 किलोमीटर भीतर!

सैटलाइट तस्वीरों से साफ हो रहा है कि मार्च 2019 में जो गांव वजूद में नहीं था, सितंबर 2021 में वह 60 इमारतों वाले अर्ध वृत्ताकार एन्क्लेव में तब्दील हो गया। यह नया गांव चीन के शी योमी जिले में बना है। एनडीटीवी के मुताबिक चीन ने जिस नए गांव को बसाया है वह एलएसी पर भारत के दावे वाले इलाके में '6 किलोमीटर भीतर' बना हुआ है। एनडीटीवी के पास ताजा सैटलाइट तस्वीरें हैं जिसके मुताबिक चीन का बसाया नया गांव भारतीय नक्शे पर दिखाए गए 'एलएसी और इंटरनेशनल बाउंड्री के बीच' के इलाके में बना हुआ है।



LAC के उत्तर में चीन के नियंत्रण वाले इलाके में बसा है गांव: इंडियन आर्मी
LAC के उत्तर में चीन के नियंत्रण वाले इलाके में बसा है गांव: इंडियन आर्मी

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के संपर्क करने पर आर्मी ने बताया कि जिस गांव की बात हो रही है वह एलएसी के उत्तर में है। एक अधिकारी ने बताया कि हमारे परसेप्शन वाले 'एलएसी के अंदर इस तरह का कोई निर्माण नहीं हुआ है।' दरअसल, पूर्वी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैली 3,488 किलोमीटर एलएसी भारत और चीन के नियंत्रण वाले इलाके को बांटती है। हालांकि, LAC को लेकर दोनों देशों का परसेप्शन अलग-अलग है।



अरुणाचल प्रदेश से सटे चीन का यह दूसरा विवादित गांव
अरुणाचल प्रदेश से सटे चीन का यह दूसरा विवादित गांव

चीन ने इससे पहले पिछले साल अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले में सारी चु नदी के किनारे पर 100 घरों वाला गांव बसा चुका है। यह नए वाले गांव के पश्चिम में 93 किलोमीटर दूरी पर है। दरअसल, भारत और भूटान जैसे पड़ोसियों के साथ चीन की सलामी-स्लाइसिंग रणनीति जारी है। सलामी स्लाइसिंग यानी चरण दर चरण रणनीति...पहले किसी क्षेत्र पर दावा, फिर बार-बार लगातार जोर देकर अपनी बात दोहराना और नए इलाकों पर कब्जा।



सीमा पर अबतक 628 'जियाओकांग' यानी मॉडल गांव बसा चुका है चीन
सीमा पर अबतक 628 'जियाओकांग' यानी मॉडल गांव बसा चुका है चीन

चीन लंबे वक्त से एलएसी पर मॉडल डिफेंस गांव 'जियाओकांग' बना रहा है। दरअसल, अपर सुबानसिरी जिले के विवादित इलाके पर चीन का 1959 की लॉन्गजु घटना के बाद से ही कब्जा है। चीन लंबे वक्त से तिबत्त स्वायत्तशासी क्षेत्र में सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिहाज से मॉडल बॉर्डर डिफेंस विलेज 'जियाओकांग' बनाने में लगा है। अबतक चीन ने ऐसे कम से कम 628 'जियाओकांग' बना लिए हैं।



चीन के कुछ 'जियाओकांग' भारत के दावे वाले क्षेत्रों में!
चीन के कुछ 'जियाओकांग' भारत के दावे वाले क्षेत्रों में!

चीन ने पिछले कुछ वर्षों में बॉर्डर पर जो मॉडल गांव 'जियाओकांग' बनाए हैं, उनमें से ज्यादातर तो उसके इलाके में हैं, लेकिन कुछ उन इलाकों में भी बने हैं जिस पर भारत अपना दावा करता आया है। सेना के एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि 2017 में डोकलाम फेस-ऑफ के बाद चीन ने भूटान की सीमा के भीतर भी कुछ नए गांव बनाए हैं।



चीन के बेतुके दावो को नहीं मानते हम: विदेश मंत्रालय
चीन के बेतुके दावो को नहीं मानते हम: विदेश मंत्रालय

अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबानसिरी जिले में चीन के गांव बनाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने 11 नवंबर को कहा था, 'चीन पिछले कई सालों से सीमाई इलाकों में निर्माण कर रहा है, इनमें वे इलाके भी शामिल हैं जिस पर दशकों के दौरान उसने अवैध कब्जे कर रखे हैं। भारत न तो अपने इलाके पर इस तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार करता है और न ही चीन के असंगत दावों को मानता है।'



Source navbharattimes

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