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क्या आपको पता है देश में गलियों में घूमने वाले कुत्ते-बिल्लियों की संख्या कितनी है, जानकर हैरान रह जाएंगे

नई दिल्ली क्या आपको पता है देश में गलियों में घूमने वाले कुत्ते-बिल्लियों की संख्या कितनी है? गुरुवार को जारी की गई पहली स्टेट ऑफ पेट होमलेसनेस इंडेक्स रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत में 8 करोड़ बेघर बिल्लियां और कुत्ते सड़कों पर रह रहे हैं। पेट होमलेसनेस इंडेक्स में भारत ने 10 अंकों के पैमाने पर महज 2.4 अंक मिले हैं। भारत को मिली कम रेटिंग देश में पालतू बेघर जानवरों की चुनौती को दूर करने के लिए अधिक समन्वित प्रयास की आवश्यकता को रेखांकित करती है। भारत को इतना कम दर्जा देने के मुख्य कारण अपेक्षाकृत कम पशु नसबंदी और वैक्सीनेशन, रेबीज सहित कैनाइन रोगों का अधिक होना, एक पालतू जानवर रखने का अधिक खर्च, और पशु कल्याण पर मजबूत कानूनों का नहीं होना है। 50 प्रतिशत लोगों ने सड़कों पर छोड़ दिए पालतू जानवरभारत में लगभग 8 करोड़ बेघर बिल्लियां और कुत्ते शेल्‍टर्स या सड़कों पर रह रहे हैं। इतना ही नहीं, पालतू जानवर रखने वाले तकरीबन 50 प्रतिशत लोगों ने माना है कि उन्होंने कम से कम एक पालतू जानवर को सड़कों पर छोड़ दिया है। लगभग 34 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने सड़कों पर एक कुत्ते को छोड़ दिया है और 32 प्रतिशत ने एक बिल्ली को छोड़ दिया है। पहली बार जारी किया गया इंडेक्सदेश में पहली बार एनिमल वेलफेयर एक्सपर्ट और मार्स पेटकेयर ने पहला पेट होमलेसनेस इंडेक्स जारी किया है। मार्स पेटकेयर इंडिया के प्रबंध निदेशक गणेश रमानी ने कहा कि अब तक दुनिया भर में बेघर आवारा कुत्तों और बिल्लियों को मापने और ट्रैक करने का कोई तरीका नहीं था। पहली बार इस तरह का इंडेक्स जारी किया गया है। भारत में 82% कुत्ते सड़कों पर ईपीएच इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 82 प्रतिशत कुत्तों को स्ट्रीट डॉग माना जाता है और 53 प्रतिशत लोगों को लगता है कि स्ट्रीट डॉग लोगों के लिए खतरा हैं। 65 प्रतिशत लोग कुत्ते के काटने से डरते हैं और 82 प्रतिशत लोगों का मानना है कि गली के कुत्ते कुत्तों को हटाया जाना चाहिए और सड़कों से हटाकर आश्रयों या शेल्टर्स में रखा जाना चाहिए। आवारा कुत्तों के बारे में अवेयर करने और टीकाकरण पशु-मानव संघर्ष को कम कर सकता है और प्रभावी नसबंदी सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या को कम कर सकता है।
Source navbharattimes

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