पिछले दो सालों में भारतीय सुरक्षा की चुनौतियां खतरे के निशान के ऊपर रही हैं। लग रहा है कि साल 2022 में भी ये ऊपर ही रहेंगी। इस दौरान भारतीय सुरक्षा नेतृत्व ने दृढ़ संकल्प के साथ अपने राष्ट्रीय सामरिक हितों और सीमाओं की रक्षा की है, लेकिन यह भी सही है कि इस वजह से भारतीय सुरक्षा तैयारियों पर भारी दबाव पड़ा है। पूर्वी लद्दाख से लगे भारत-चीन सीमांत इलाकों में चीन ने मई, 2020 के बाद से ही अपने 50 हजार से अधिक सैनिक तैनात कर भारतीय सेना के समक्ष गंभीर चुनौती पेश की। इसके मद्देनजर भारतीय सेना को भी सीमा पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती करनी पड़ी। सवाल यह उठता है कि डेढ़ साल से अधिक वक्त तक युद्ध के कगार पर खड़ी दोनों सैन्य ताकतें क्या वाकई युद्ध चाहती हैं या फिर युद्ध का डर दिखाकर दूसरे को झुका देने की रणनीति पर चल रही हैं? Source navbharattimes
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