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फुली वैक्सीनेटेड तो माइल्ड सिम्पटम...ओमीक्रोन से बचना है तो टीका ही रास्ता!

बेंगलुरु कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने भारत में दस्तक दे दी है। चिंता की बात यह है कि देश में इससे संक्रमित इकलौते भारतीय बेंगलुरु के डॉक्टर की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। यह इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि ओमीक्रोन ने काफी पहले ही देश में दस्तक दे दी थी, जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए उसकी पहचान में शायद देरी हुई है। पिछले सभी वेरिएंट्स में सबसे तेजी से फैलने वाले ओमीक्रोन से बचने का फिलहाल जो रास्ता दिख रहा है वह है वैक्सीन के सभी डोज लेना और सही से मास्क समेत बाकी एहतियात बरतना। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि नए वेरिएंट से भी निपटने का तरीका वही है जो अबतक हम आपनाते आए हैं। बीमारी गंभीर न हो, इसके लिए वैक्सीन के सभी डोज लेना बहुत ही जरूरी है। इसके अलावा हमें मास्क पहनना होगा, वह भी सही तरीके से। भीड़ से बचना, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड सैनिटाइजेशन को जारी रखना ही होगा। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने बताया, 'ओमीक्रोन की इस नई चुनौती के बाद भी वैक्सीनेशन ही सबसे महत्वपूर्ण औजार है। हम खुशकिस्मत हैं कि वैक्सीन भरपूर मात्रा में उपलब्ध है।' उन्होंने कहा, 'डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। हम सभी को जिम्मेदार बनना होगा। अभी वेरिएंट से जुड़ी नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं और हम सभी सीख रहे हैं।' कर्नाटक में जिस डॉक्टर के ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, वह और उनके संपर्क में आए लोग अभी अस्पताल में आइसोलेशन में हैं। डॉक्टर के 13 प्राइमरी कॉन्टैक्ट और 205 सेकंडरी कॉन्टैक्ट्स को अब तक ट्रेस किया जा चुका है। दूसरी तरफ, 66 साल के जिस दक्षिण अफ्रीकी नागरिक में ओमीक्रोन संक्रमण की पुष्टि हुई है, वह देश छोड़कर जा चुका है। 'ऐट रिस्क' यानी जोखिम वाले देशों में शामिल दक्षिण अफ्रीका से ये शख्स 20 नवंबर को बेंगलुरु आया था। उसे तब शहर के एक अस्पताल में सेल्फ-आइसोलेट होने को कहा गया था। जबतक उसके सैंपल का जीनोम सिक्वेंसिंग रिजल्ट आता, उससे पहले ही 27 नवंबर को वह शख्स दुबई रवाना हो गया। फिलहाल अच्छी बात यह है कि देश में मिले ओमीक्रोन के दोनों मरीजों में सिर्फ हल्के लक्षण मिले हैं। दोनों ने ही वैक्सीन के दोनों डोज लिए थे। पहली बार दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट तेजी से तमाम देशों में फैल रहा है। तेजी से फैलने के मामले में यह दूसरे वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक दिख रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल ने बताया, 'नया वेरिएंट संभवतः 5 गुना ज्यादा संक्रामक है।' अग्रवाल ने बताया कि ओमीक्रोन वेरिएंट में बहुत ही ज्यादा म्यूटेशन दिखे हैं। इसके अमीनो एसिड में 45 से 52 म्यूटेशन हुए हैं, वहीं इसके स्पाइक प्रोटीन में 26-32 म्यूटेशन हुए हैं। वायरस के भीतर जो स्पाइक प्रोटीन होता है, वहीं मानव कोशिकाओं के संपर्क में आता है और उसी के जरिए वायरस शरीर में घुसता है। ओमीक्रोन को लेकर राहत वाली बात ये है कि इसके मरीजों में अबतक हल्के लक्षण मिले हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह इस वेरिएंट पर करीबी नजर रखे हुए हैं। इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर प्रतिबंध समेत सभी मुद्दों पर एक्सपर्ट्स से विचार किया जा रहा है। जिस दक्षिण अफ्रीकी शख्स में ओमीक्रोन संक्रमण की पुष्टि हुई है, उसके संपर्क में आए 264 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला है। वहीं, डॉक्टर वाले मामले में कुल 218 कॉन्टैक्ट्स को ट्रेस किया जा चुका है। उनमें से 5 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं जिनमें 3 प्राइमरी कॉन्टैक्ट हैं तो 2 सेकंडरी। ओमीक्रोन के 2 मामले मिलने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई शुक्रवार को हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसरों, हेल्थ मिनिस्टर और कोविड टेक्निकल अडवाइजरी कमिटी के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे।
Source navbharattimes

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