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केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा नहीं होगा! विपक्ष ने लगाया पूरा जोर

नई दिल्ली भाजपा ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग को सिरे से नकार दिया है। बुधवार को सत्ताधारी पार्टी ने साफ कहा कि लखीमपुर खीरी मामले पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह अदालत के विचाराधीन है। लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या की घटना को एक ‘सोची-समझी साजिश’ करार दिया है। इसके बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं और केंद्रीय मंत्री मिश्रा के इस्तीफे की मांग की जा रही है। बुधवार को संसद में भी इस पर हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र इस मामले के 13 आरोपियों में शामिल है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच जारी है। इस प्रकार के बयान (विपक्षी दलों के) दुर्भाग्यपूर्ण है।’ यह पूछे जाने पर कि विपक्षी दल इस मामले में चर्चा की भी मांग कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘संसदीय नियम अदालत के विचाराधीन मामलों पर चर्चा कराने की इजाजत नहीं देते।’ लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा का किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान चार किसान, एक पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी। इस संबंध में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट को लेकर संसद में चर्चा नहीं होने देना चाहती है। उन्होंने यह मांग फिर दोहराई कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को इस्तीफा देना चाहिए जिनके पुत्र इस मामले में आरोपी हैं। राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार हमें बोलने की अनुमति नहीं दे रही है, इस कारण सदन में व्यवधान पैदा हुआ है। हमने कहा है कि रिपोर्ट आई है और उनके मंत्री इसमें शामिल हैं, ऐसे में इस पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन वह चर्चा नहीं होने देना चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, तो उन्होंने कहा, ‘और क्या।’ इससे पहले, उन्होंने इस एसआईटी रिपोर्ट को लेकर बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में राहुल गांधी ने सदन में नियत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी और कहा था कि एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए। गोयल ने इस अवसर पर 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा लगातार किए जा रहे हंगामे के लिए भी उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि यह दर्शाता है कि विपक्ष के पास वास्तविक मुद्दों की कमी है और वह जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि लोक सभा में आज महंगाई के मुद्दे पर चर्चा होनी थी जबकि राज्यसभा में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा होनी थी। गोयल ने कहा कि जिन 12 सदस्यों को निलंबित किया गया है उन्हें अपने आचरण के लिए सदन से माफी मांगनी चाहिए थी।
Source navbharattimes

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