नई दिल्ली बदल रही है और इसका पहला लुक 15 जनवरी को आर्मी डे परेड में दिखाई देगा। पहली बार आर्मी डे परेड में मार्चिंग दस्ते इंडियन आर्मी की अलग अलग वक्त में रही यूनीफॉर्म और हथियार के हिसाब से होंगे। इसी तरह पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भी आर्मी के जो दस्ते शामिल होंगे वे अलग अलग दौर की यूनीफॉर्म के हिसाब से होंगे। कैसे बदलती रही ड्रेसअब तक आर्मी डे परेड और गणतंत्र दिवस परेड में आर्मी के मार्चिंग दस्ते अलग अलग रेजिमेंट के हिसाब से बंटे रहते थे। लेकिन पहली बार ये अलग अलग दौर की यूनिफॉर्म के हिसाब से होंगे। सूत्रों के मुताबिक एक मार्चिंग दस्ता आजादी से पहले की आर्मी यूनीफॉर्म में और तब के हथियारों के साथ होगा। इसी तरह एक दस्ता 1962 के दौरान की यूनीफॉर्म, एक दस्ता 1971 के बाद की यूनीफॉर्म, एक दस्ता 90 के दशक के शुरूआती दौर की यूनीफॉर्म, एक दस्ता आर्मी की मौजूदा यूनीफॉर्म में मार्च करेगा। एक दस्ता आर्मी की नई कॉम्बेट यूनीफॉर्म में होगा। कैसी है नई यूनीफॉर्मइंडियन आर्मी की नई कॉम्बेट यूनीफॉर्म में डिजिटल पैटर्न है। सूत्रों के मुताबिक यूनीफॉर्म में जो कैमोफ्लाज ( ऐसा कलर और पैटर्न जिससे एकदम नजर में न आएं और छुपने में मदद मिले) है वो ज्यादा बेहतर है। अमेरिका सहित कई देशों की आर्मी डिजिटल पैटर्न का इस्तेमाल करती है। मौजूदा यूनीफॉर्म में शर्ट पैंट के अंदर डाली जाती है और बाहर से बेल्ट लगाई जाती है। नई यूनीफॉर्म में बेल्ट अंदर होगी और शर्ट बाहर होगी। आर्मी अधिकारी के मुताबिक इससे काम करने में आसानी होगी। कपड़े में भी कुछ बदलाव किए गए हैं।
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