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PM का ट्विटर हैंडल सेफ नहीं तो देश की सुरक्षा कैसे हो पाएगी? लोकसभा में गूंजा मुद्दा

नई दिल्ली लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल को हैक किए जाने का मामला उठाया। सोमवार को सदन में उन्होंने मांग की कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। चौधरी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया और सवाल भी किया कि जब प्रधानमंत्री का ट्विटर हैंडल सुरक्षित नहीं है तो फिर देश की कैसे सुरक्षा हो पाएगी? चौधरी ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री का हैंडल तक सुरक्षित नहीं रहा तो आम लोगों के ट्विटर हैंडल कैसे बच पाएंगे...जब सरकार क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कर रही है तो प्रधानमंत्री के अकाउंट से इसे लेकर ट्वीट किया जा रहा है....सरकार को जवाब देना चाहिए।’ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि सरकार को क्रिप्टो करेंसी को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ट्विटर हैंडल रविवार को कुछ समय के लिए हैक कर लिया गया था और ट्विटर के समक्ष यह मामला उठाए जाने के बाद अकाउंट को तुरंत सुरक्षित कर लिया गया। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से जारी किए गए घोषणापत्र का उल्लेख किया और कहा कि राजनीतिक दलों के चुनावी वादों को पूरा नहीं करने पर उसे ‘छल’ माना जाए और इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419 के तहत मामला दर्ज किया जाए। भाजपा के गजेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि धर्मांतरण करने वाले व्यक्तियों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए और अगर मिल रहा है तो उसे खत्म किया जाए। इसके लिए जरूरी कानूनी प्रावधान किये जाएं। आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर ने आरोप लगाया कि देश में नफरत फैलाई जा रही है और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा किसरकार को ऐसे हर मामले में न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। शून्यकाल के दौरान भाजपा के निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि झारखंड में पंचायतों को अधिकार देने वाले कानूनों का दुरुपयोग को रहा है और पंचायत के चुनाव नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का बहाना बनाया जा रहा है, जबकि कोरोना काल में भी पड़ोस के राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हुए। उन्होंने यह दावा भी किया कि झारखंड में पंचायती व्यवस्था में भ्रष्टाचार चरम पर है और राज्य सरकार को कमीशन मिल रहा है। दुबे ने कहा कि सरकार को सीबीआई जांच करानी चाहिए और झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। कांग्रेस के के. सुरेश, बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब, आईयूएमएल के अब्दुस समद समदानी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की गीता विश्वनाथन, केसी (एम) के के. थॉमस और कई अन्य सदस्यों ने भी लोक महत्व के अलग-अलग मुद्दे उठाए।
Source navbharattimes

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