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चीन का नया भूमि सीमा कानून लागू, भारत के लिए चिंता की कितनी बात

नई दिल्ली चीन का नया भूमि सीमा कानून 1 जनवरी से लागू हो गया है। इसे पिछले साल 23 अक्टूबर को ही पड़ोसी देश ने मंजूरी दे दी थी। चीन ने यह कानून ऐसे समय में लागू किया है, जब पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ विवाद सुलझा नहीं है। दोनों देशों के बीच कुछ इलाकों को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच, चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों को नया नाम भी दिया है। इतना ही नहीं, चीनी दूतावास ने कई सांसदों, मंत्रियों को देश में रह रहे तिब्बती समुदाय के लोगों के कार्यक्रम में न जाने की नसीहत दी है। इन तमाम पहलुओं के बीच चीन के इस नए भूमि सीमा कानून का दोनों देशों के रिश्तों पर गहरा असर पड़ सकता है।
  1. आखिर क्या है चीन का नया कानून?चीन की नैशनल पीपल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने इस कानून को पास किया था। इसमें चीन की भूमि सीमा के संरक्षण और उस पर अतिक्रमण को रोकने की बात कही गई है। चीनी मीडिया के मुताबिक, 'चीन की अखंडता और संप्रभुता पवित्र है। इसकी रक्षा के लिए सरकार को कोशिश करने की जरूरत है ताकि कोई भी अतिक्रमण न कर सके।' कानून में कहा गया है कि सरकार को सीमा सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक विकास किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, सीमाओं पर लोगों के जीवन को आसान बनाने और आबादी को बसाने की जरूरत है।
  2. चीन ने इस कानून की जरूरत क्यों पड़ी?अमेरिका स्थित एक थिंकटैंक का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में सीमाओं के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच में तनाव की स्थिति बढ़ी है। इस कारण चीन यह चाहता है कि वह अपने नियंत्रण वाले इलाकों में स्थिति को मजबूत करे। साथ ही, सेंट्रल एशिया से लगने वाली अपनी सीमा को लेकर भी चीन चिंतित है। उसे लगता है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान बेकाबू हो गया है और उसके इलाके में घुसपैठ, आतंकवाद जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। बताया जा रहा है कि देश में अपनी छवि को मजबूत करने के लिए भी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह कदम उठाया है।
  3. भारत के साथ रिश्तों पर कितना पड़ेगा असर?चीन के इस नए कानून में भारत का जिक्र नहीं है। हालांकि, दोनों देशों के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी साझा सीमा होने के कारण इसका रिश्तों पर असर पड़ना लाजिमी है। चीन की 22,457 किलोमीटर लंबी सीमाएं हैं और इन्हें वह 14 देशों के साथ साझा करता है। भारत के अलावा भूटान के साथ चीन 477 किलोमीटर की सीमा साझा करता है और उससे भी विवाद है। चीन के इस नए कानून को लेकर यह संदेह जताया जा रहा है कि वह अब पूर्वी लद्दाख में विवाद के हल के लिए बातचीत के रास्ते से हट सकता है।
Source navbharattimes

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