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गुजरात में इस्लामी पोस्ट पर युवक की हत्या में शामिल दिल्ली का यह मौलवी कौन है, जानिए

नई दिल्ली/अहमदाबाद : गुजरात के आतंक निरोधी दस्ते (ATS) ने रविवार को पुरानी दिल्ली के दरियागंज से एक मौलवी को गिरफ्तार किया है। उस पर इस्लाम को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले 27 वर्षीय युवक की हत्या करवाने का आरोप है। ने अपने दो चेलों को गुजरात के धंधुका निवासी युवक किशन भरवाड़ की हत्या के लिए उकसाया और उन्हें पिस्तौल भी दिया। मामले में एक और मौलाना मोहम्मद अयूब जावरवाला समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जमालपुर निवासी मौलाना जावरवाला पर पिस्टल और गोलियां उपलब्ध कराने का आरोप है। राजकोट के दो भाई अरेस्ट उधर, गुजरात पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने राजकोट के दो भाइयों को भी अरेस्ट किया है जिन्होंने मौलाना को एक पिस्टल और पांच गोलियां दी थीं। एटीएस के मुताबिक, दिल्ली के इस मौलाना पर त्रिपुरा में भी सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप है। उस पर पिछले वर्ष नवंबर में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस्माली संस्था चलाता है मौलाना एक अधिकारी ने मौलाना के बारे में बताया कि उसने तहरीक-ए-फरोग-ए-इस्लामी नामक एक संस्था बना रखी है। अधिकारी ने कहा, 'मौलाना कमर गनी उस्मानी अपने इसी संगठन से जुड़े एक दफ्तर से निकल रहा था, तभी उसे गिरफ्तार किया गया।' उन्होंने बताया, 'उसने अप्रैल 2021 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उसने वैसे लोगों को सबक सिखाने को लेकर काफी भड़काऊ भाषण दिया था जो कथित रूप से इस्लाम का अपमान करता हो। एक अन्य भाषण में उसने कहा था कि कोई भी मुसलमान इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों के साथ कुछ भी कर सकता है, सब जायज है।' मौलाना के इशारे पर शब्बीर ने की हत्या एटीएस ने कहा कि मौलाना के कहने पर ही शब्बीर चोपड़ा नाम के युवक ने 25 जनवरी को किशन भरवाड़ को मार दिया। मौलाना के कहने पर शब्बीर और इम्तियाज पठान मोटरसाइकिल से निकले। शब्बीर ने जब गोली मारी तो इम्तियाज मोटरसाइकल चला रहा था। अधिकारी ने बताया कि मौलाना इन दोनों के साथ संपर्क में था। दरअसल, शब्बीर सोशल मीडिया पर इस्लामी को फॉलो करता था और दोनों एक-दूसरे से कई बार मिले भी थे। एटीएस अधिकारियों का दावा है कि इस्लामी ने ही चोपड़ा को पिस्टल देकर पूरी साजिश रचने में मदद की। दो भाइयों ने खरीदी थी पिस्टल और गोलियां राजकोट के जिन दो भाइयों आजिम बशीर शामा और वसीम बशीर शामा पर पिस्टल और गोलियां खरीदने का आरोप है, वो दुधसागर रोड के निवासी हैं। गुजरात पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए एटीएस को सौंप दिया है। दोनों की गिरफ्तारी सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज के आधार पर हुई है। इन फुटेज में पता चला कि दोनों भाई हत्या के दिन किशन भरवाड़ का लगातार पीछा कर रहे थे और जैसे ही किशन बीते मंगलवार को अपने एक दोस्त के साथ मोटरसाइकल पर सवार था। तभी मोढवाड़ा इलाके में शब्बीर और इम्तियाज उसके पास पहुंचे और शब्बीर ने किशन को गोली मार दी। किशन की मौके पर ही मौत हो गई। हिंदुवादी संगठन से जुड़ा था किशन गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी भी शुक्रवार को किशन के घर गए और परिजनों को सांत्वना दिलाई। परिजनों और परिचितों ने बताया कि किशन गुजरात में तेजी से बढ़ रहे लव जिहाद, गोहत्या आदि के मामलों के खिलाफ आवाज उठा रहा था। वह हिंदुवादी संगठन बजरंग दल से जुड़ा था। करीब तीन हफ्ते पहले फेसबुक पर एक पोस्ट डाला था जिसे इस्लाम के लिए अपमानजनक बताकर मुकदमा दर्ज करवाया गया था। पुलिस ने एफआईआर के आधार पर किशन को गिरफ्तार किया था। वह जमानत पर छूटा था। तभी मौलाना कमर गनी उस्मानी ने उसकी हत्या की साजिश रच दी। मौलाना पर UAPA के खिलाफ पहले से दर्ज है मुकदमा मौलाना कमर गनी उस्मानी ने हत्या की साजिश में नाम आने और गिरफ्तारी से पहले एक न्यूज चैनल से बातचीत की थी। उसने बताया था कि उसका संगठन इस्लाम का अपमान करने वालों और मुसलमानों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाता है। उस्मानी ने कहा कि उसने ही यति नरसिम्हानंद सरस्वती के खिलाफ पहली एफआईआर 8 मार्च को मुंबई के मीरा रोड से करवाई थी। उसने बताया, 'जब नरसिम्हानंद की गिरफ्तारी नहीं हुई तो हमने जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया था। दिल्ली के जंतर-मंतर पर 8 अगस्त 2020 को पिंकी चौधरी ने कार्यक्रम आयोजित करके मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बातें की थीं। उसके खिलाफ 24 अगस्त को हमने प्रदर्शन किया था। हम चार लोग त्रिपुरा भी गए थे।' ध्यान रहे कि त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा को उकसाने के लिए मौलाना पर यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। रिपोर्ट हमारे सहयोगी अखबार एवं अन्य माध्यमों से जुटाई गई जानकारी पर आधारित
Source navbharattimes

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