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India UAE: भारत और यूएई के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का समझौता, 100 अरब डॉलर होगा दोनों देश का व्यापार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अबू धाबी के युवराज और यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के साथ डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक में कहा कि भारत और यूएई आतंकवाद के विरुद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के संबंधों के विविध आयामों और खाड़ी क्षेत्र के इस देश में हाल ही हुए आतंकी हमलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम हाल में यूएई में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा जम्मू कश्मीर में निवेश में रुचि दिखाने की सराहना की। मोदी ने कहा कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल की सफल यूएई यात्रा के बाद अमीरात की कई कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने में रुचि दिखाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यूएई द्वारा जम्मू-कश्मीर में लॉजिस्टिक, स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य समेत सभी क्षेत्रों में निवेश का स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कारोबारी संबंधों को बेतहर बनाने के लिये शुक्रवार को समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिये भविष्य का खाका पेश किया । सीईपीए समझौते पर पीएम मोदी ने जताई खुशीप्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि दोनों देश आज समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। इतने महत्वपूर्ण समझौते पर हम तीन महीने से भी कम समय में बातचीत संपन्न कर पाए। सामान्य तौर पर इस प्रकार के समझौते के लिए वर्षों लग जाते हैं । उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों की गहरी मित्रता, साझा दृष्टिकोण और विश्वास को दर्शाता है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे आर्थिक संबंधों में एक नया युग आरम्भ होगा। 100 अरब डॉलर तक पहुंचेगा व्यापारपीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि सीईपीए समझौते से दोनों देशों का व्यापार अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम संयुक्त जांच और संयुक्त वित्त व्यवस्था के माध्यम से दोनों देशों में स्टार्टअप को प्रोत्साहन दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, हमारे लोगों के कौशल विकास के लिए हम आधुनिक उत्कृष्टता संस्थान पर भी सहयोग कर सकते हैं। अल नाहयान के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे संबंधों को मजबूत करने में आपकी व्यक्तिगत भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। कोविड महामारी के दौरान भी आपने जिस तरह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के भारतीय समुदाय का ध्यान रखा है, उस के लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूंगा। नये कारोबार, निवेश और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावाडिजिटल माध्यम से हुई बैठक में मोदी और अल नाहयान ने संयुक्त दृष्टि पत्र जारी किया, जिसका शीर्षक भारत और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति : नये मोर्चे, नया मील का पत्थर है। इसमें कहा गया है कि इसका साझा मकसद नये कारोबार, निवेश और विविध क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देना है। इसमें अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, जलवायु कार्य, उभरती प्रौद्योगिकी, कौशल और शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा तथा रक्षा एवं सुरक्षा आदि शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि सीईपीए विस्तारित बाजार पहुंच और कम शुल्क सहित दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार के लिये काफी सहायक होगा। इस बात की उम्मीद की जाती है कि सीईपीए से अगले पांच वर्षो में द्विपक्षीय कारोबार वर्तमान 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर हो सकता है। आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश होंगे एक साथदृष्टि पत्र में दोनों पक्षों ने नौवहन सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की है। इसका मकसद क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना है। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद और कट्टरपंथ के सभी स्वरूपों के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसमें यूएई की कंपनियों के लिये समर्पित निवेश क्षेत्र की दिशा में काम करने और खाद्य गलियारा स्थापित करने पर ध्यान देने का भी उल्लेख किया गया है।
Source navbharattimes

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