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नेहरू लोगों से जुड़े व्यक्ति, मोदी में एक योगी की इच्छाशक्ति; भारत के दिग्गज PM के बारे में और क्या सोचते है लेखक रस्किन बॉन्ड

नई दिल्ली: वरिष्ठ लेखक () ने अपनी नई किताब में कहा है कि (JL Nehru) लोगों से जुड़े व्यक्ति थे, उनमें कई खूबियां थीं और उन्होंने बहुत सी उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी () अपने राजनीतिक कौशल और एक योगी की इच्छाशक्ति से शीर्ष पद पर पहुंचे हैं। बॉन्ड ने "ए लिटिल बुक ऑफ इंडिया: सेलिब्रेटिंग 75 इयर्स ऑफ इंडिपेंडेंस" में अपनी यादों और अनुभवों का जिक्र किया है। भारत 84 वर्षों से उनका घर रहा है। उन्होंने लिखा है, "हमारे यहां कई उत्कृष्ट प्रधानमंत्री रहे- नेहरू, शास्त्री, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, कई अन्य, और अब नरेंद्र मोदी जो सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं और अपने राजनीतिक कौशल और योग की इच्छाशक्ति से शीर्ष स्तर पर पहुंचे हैं और दो आम चुनावों में सफल रहे हैं।’’ आजादी के वक्त स्कूल में पढ़ते थे बॉन्डबॉन्ड भारत की आजादी के समय स्कूल में पढ़ते थे और वह शिमला के अपने बोर्डिंग स्कूल में तिरंगा फहराए जाने और यूनियन जैक (ब्रिटिश झंडा) उतारे जाने को याद करते हैं। वह नेहरू के विश्व प्रसिद्ध भाषण का भी जिक्र करते हैं और कहते हैं कि वह भाषण "वैश्विक मामलों के उनके ज्ञान और अंग्रेजी भाषा में उनकी दक्षता को परिलक्षित करता है।’’ नेहरू पश्चिम से प्रभावित भारतीय लेकिन लोगों से जुड़े व्यक्तिबॉन्ड के लिए नेहरू एक ‘सलीका पसंद’ व्यक्ति थे, जो लगभग हमेशा अपनी अचकन पर लाल गुलाब लगाते थे। वह अंग्रेजी पब्लिक स्कूल और विश्वविद्यालय में पढ़े थे और धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते और लिखते थे। वह पश्चिम से प्रभावित भारतीय थे, लेकिन साथ ही लोगों से भी जुड़े थे। वह भीड़ से प्यार करते थे और उत्साह के साथ उन्हें संबोधित करते थे। बॉन्ड का यह भी कहना है कि नेहरू अक्सर अपने अंगरक्षकों को चकमा दे देते थे। पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित पुस्तक में उन्होंने लिखा है कि 1960 के आसपास उनकी मुलाकात नेहरू के एक पूर्व अंगरक्षक से हुई थी। उनका कहना था कि नेहरू के साथ रहने में उन्हें कठिनाई होती थी। नेहरू अचानक किसी अन्य दिशा में बढ़ जाते थे और उन्हें पंडित नेहरू के पीछे दौड़ना पड़ता। अंगरक्षक ने मजाक में कहा था कि नेहरू के पीछे दौड़ते हुए उनका वजन कम हो गया था। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी को लेकर क्या लिखावह इंदिरा गांधी को एक मजबूत नेता के रूप में वर्णित करते हैं, जिन्हें पूर्वी पाकिस्तान में भारतीय सेना भेजने और बांग्लादेश के निर्माण में मदद करने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी। बॉन्ड लिखते हैं, "लेकिन उनके प्रधानमंत्री काल में कई उथल-पुथल भी हुईं - जिसमें लगभग दो साल की अवधि का आपातकाल भी था, जिसके दौरान उनके मुखर आलोचकों सहित अधिकांश राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया गया था।" उन्होंने राजीव गांधी के बारे में लिखा है कि उनकी "राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपने शुभचिंतकों और अपनी पत्नी की मदद से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया - श्रीलंका में गृहयुद्ध का समाधान निकालने के उनके प्रयास का दुखद परिणाम हुआ।’’ अटल बिहारी वाजपेयी कैसे व्यक्तिबॉन्ड के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी विनम्र और विचारवान व्यक्ति थे। उन्होंने लिखा है, ‘‘प्रधानमंत्री बनने से कुछ साल पहले, मैंने उन्हें मसूरी के एक बाजार में घूमते हुए देखा था, उनके साथ सिर्फ एक या दो लोग थे, वे दुकानदारों और अन्य लोगों से बिना किसी दिखावे के बातें कर रहे थे।’’ वह लिखते हैं, "जब भाजपा सत्ता में आई, तो इसी विनम्रता, शिष्टाचार और विचार-विमर्श ने उन्हें अपने पूर्ववर्तियों से बहुत अलग प्रधानमंत्री बना दिया ; एक ऐसा व्यक्ति जो कई तरह से लोगों की आकांक्षाओं को समझता था।" पुस्तक में, बॉन्ड भारत के विविध तत्वों - इसकी नदियों और जंगलों, साहित्य और संस्कृति, स्थलों, ध्वनियों और रंगों के बारे में भी बात करते हैं। वह कहते हैं, "हालांकि मैंने एक राष्ट्र के रूप में भारत की प्रगति के पिछले 75 वर्षों के मुख्य अंशों पर ध्यान दिया है, लेकिन यह छोटी सी पुस्तक घटनाओं का राजनीतिक या ऐतिहासिक विश्लेषण होने का दावा नहीं करती है।’’
Source navbharattimes

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