बृजेश मिश्रा ने पूछा कि वह गोवा का टिकट ले चुके हैं या नहीं? अरुण शौरी ने कहा कि वह ले चुके हैं। बृजेश मिश्रा ने कहा, ‘प्लीज, उसे कैंसिल करा दें। आप प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री के साथ पीएम के विमान में ही जाएंगे।’ मिश्रा ने जोर देते हुए कहा कि अगर वह नहीं गए तो वाजपेयी और आडवाणी अकेले में विमान में कोई बात नहीं करेंगे। अरुण शौरी जब विमान में सवार हुए तब वाजपेयी पहले ही खिड़की के किनारे बैठे थे। उनके सामने टेबल के उस पार खिड़की वाली सीट पर आडवाणी बैठे थे। विदेश मंत्री जसवंत सिंह भी वहीं थे। विमान ने उड़ान भरी और कुछ मिनटों बाद वाजपेयी ने टेबल से एक अखबार उठाया और इस तरह से पूरा खोल कर अपने सामने कर लिया कि उन्हें आडवाणी का चेहरा बिल्कुल भी दिखाई ना पड़े। कुछ देर बाद आडवाणी ने भी एक अखबार उठाया और पढ़ने लगे।शौरी और जसवंत सिंह ने एक-दूसरे को देखा और गहरी सांस ली। फिर शौरी ने अचानक ऐसा कुछ किया, जिस पर वह खुद भी हैरान थे। उन्होंने वाजपेयी के हाथ से अखबार को खींचा और कहा कि वाजपेयी जी, अखबार तो बाद में भी पढ़ा जा सकता है। आप आडवाणी जी से वह कह क्यों नहीं देते, जो कहना चाहते हैं? अटल ने अखबार रख दिया और अपने ही अंदाज में वह सब कह दिया जो कहना चाहते थे। Source navbharattimes
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