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Election News: चुनाव के बाद जोड़-तोड़ के डर में पार्टियां, MLA शिफ्टिंग का प्लान

विस, नई दिल्ली/देहरादूनः आगामी दस मार्च को पांच राज्यों में हुए चुनाव के नतीजे आने हैं, जिस लेकर कांग्रेस में हलचल काफी बढ़ गई है। दिल्ली से लेकर चुनावी राज्यों की राजधानी सहित कई राज्यों में हलचल देखी जा रही है। दिल्ली से लेकर गोवा, देहरादून ही नहीं राजस्थान में हलचल दिख रही है। कांग्रेस को बीजेपी की तरफ से अपने विधायकों में सेंधमारी का डर है, इसलिए उसने जहां एक ओर सरकार बनाने के लिए तमाम संभावनाएं टटोलना शुरू कर दी हैं, तो वहीं दूसरी ओर वह अपने लोगों की बाड़ा बंदी भी कर रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंची, जहां उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से नतीजों के बाद होने वाले प्रबंधन को लेकर चर्चा की। बताया जाता है कि कांग्रेस अपने जीते हुए विधायकों को सेंध से बचाने के लिए राजस्थान को ठिकाना बनाने पर विचार कर रही है। प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस के सीनियर नेता राजीव शुक्ला भी थे। दूसरी ओर, कांग्रेस को गोवा में भी अपने लिए संभावनाएं दिख रही हैं। जिसके मद्देनजर वहां कांग्रेस के सीनियर नेता पी चिंदबरम और राज्य के कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडूराव वहां बाकायदा मैदान में जुट गए हैं। कांग्रेस वहां 2017 की गलती नहीं दोहराना चाहती, जहां 40 सीटों वाली असेंबली के लिए 17 सीटें लेने और सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी कांग्रेस को दूर रखते हुए सरकार बनाने में कामयाब रही थी। कांग्रेस नेता वहां क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ निर्दलीयों के संपर्क में हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें साथ लिया जा सके। गुंडूराव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस चुनाव बाद उन दलों से भी गठबंधन के लिए तैयार है, जो बीजेपी खिलाफ चुनाव लड़े थे। माना जा रहा है कि कांग्रेस का इशारा टीएमसी और आप की ओर था। वहीं, उत्तराखंड के तमाम नेता पिछले तीन-चार दिनों से दिल्ली में चक्कर लगा रहे थे। सोमवार को देर शाम तक ही तमाम नेता दिल्ली से वापस गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के तमाम नेता हाईकमान और सीनियर नेताओं के यहां अपने और अपने लोगों की लॉबिंग के लिए दिल्ली पहुंचे थे। इनमें जहां एक ओर कांग्रेस के सीएलपी लीडर प्रीतम सिंह का खेमा दिल्ली पहुंचा, वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम हरीश रावत का गुट भी दिल्ली में लगातार लीडरशिप के संपर्क में रहा। सिंह और रावत दोनों की नजरें कुर्सी पर लगी हैं। अगर वहां सरकार बनाने की नौबत आती है तो वहां दोनों का ही दावा रहेगा। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के तमाम नेता हाईकमान और सीनियर नेताओं के यहां अपने और अपने लोगों की लॉबिंग के लिए दिल्ली पहुंचे थे। इनमें जहां एक ओर कांग्रेस के सीएलपी लीडर प्रीतम सिंह का खेमा दिल्ली पहुंचा, वहां दूसरी ओर सीएम हरीश रावत का गुट भी दिल्ली में लगातार लीडरशिप के संपर्क में रहा। इस बीच, कांग्रेस हाईकमान ने मामले को संभालने के लिए वरिष्ठ नेताओं को उत्तराखंड भेजा। इनमें पार्टी प्रवक्ता गौरव बल्लभ, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन प्रकाश और उत्तराखंड के एआईसीसी प्रभारी देवेंद्र यादव शामिल हैं। जिन प्रत्याशियों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही नेताओं की निगाहें हैं, उनमें हरिद्वार जनपद की 4 विधानसभा सीटों मैंगलोर, खानपुर, लक्सर, भगवानपुर में बीएसपी की स्थिति मजबूत होने से ये पार्टियां इनकी और निगाह लगाए हैं। यमुनोत्री सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोभाल, केदारनाथ में निर्दलीय कुलदीप रावत, टिहरी सीट पर निर्दलीय दिनेश धनै, देवप्रयाग में यूकेडी के दिवाकर भट्ट और द्वाराहाट से पुष्पेश तिवारी पर भी इन दोनों ही पार्टियों की नजरें लगी हैं।
Source navbharattimes

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