1948 की उस मीटिंग में नेहरू के लिए तालियां बजी होतीं तो राजनीति में नहीं आता सिंधिया परिवार! गुना में हार की टीस क्यों नहीं भुला पा रहे ज्योतिरादित्य, जानिए सब कुछ
सिंधिया परिवार को राजनीति में लाने का श्रेय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को है जिनके कहने पर राजमाता सिंधिया 1957 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरी थीं। नेहरू जहां ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिंधिया परिवार की लोकप्रियता भांपकर उसे अपने साथ लेने की रणनीति पर काम कर रहे थे, वहीं राजमाता अपने परिवार को कांग्रेस-विरोधी के रूप में पेश नहीं करना चाहती थीं। यही लोकप्रियता वो कारण है जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन साल पहले गुना में अपनी हार को नहीं भुला पाए हैं। Source navbharattimes
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