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सजा, परोल और फरार...तबतक भागता रहा जबतक बेटियां हाईस्कूल पास नहीं हो गईं...12 साल बाद सजायाफ्ता का सरेंडर

जब उसकी बेटियों का जन्म हुआ, तो ने उसने हाई कोर्ट में अपनी सजा को रद्द करने की अपील की। हाई कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी। फिर उसने पैरोल लेने और अपनी बेटियों के बड़े होने तक भगोड़ा बनने का फैसला किया। 4,200 दिनों की परोल पर रहने के बाद उसने आत्मसमर्पण कर दिया। Source navbharattimes

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