स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कांग्रेस का मार्च हुआ। इस मार्च में जो सीनियर नेता राहुल गांधी के हमकदम हुए, वह थे गुलाम नबी आजाद। गुलाम नबी आजाद पिछले दिनों बीमारी से उबरे हैं। शरीर काफी कमजोर था, इसके बावजूद जिस तरह से वह मार्च में राहुल के साथ-साथ बने रहे, उससे पार्टी के अंदर बड़ा संदेश गया है। गुलाब नबी आजाद पार्टी के असंतुष्ट गुट जी-23 के सक्रिय सदस्यों में माने जाते रहे हैं। जिस तरह से वह 'संतुष्ट' हुए हैं, माना जा रहा है कि अगले कुछ महीने में जी-23 नेताओं के असंतोष को एक-एक कर समाप्त कर दिया जाएगा। इस गुट के नेता कपिल सिब्बल पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं। वैसे गुलाम नबी आजाद को सोनिया गांधी ने अपने बाद पार्टी में नंबर दो का पद देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे आजाद ने खारिज कर दिया। उसी समय ऐसी भी खबरें आई थीं कि बीजेपी उन पर डोरे डालने की कोशिश कर रही है। हालांकि आजाद ने ऐसी चीजों का हमेशा खंडन ही किया। मार्च के बाद इस प्रकरण पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि जिस गुट को असंतुष्ट माना गया, उसी ने पार्टी का हर मौके पर सबसे अधिक साथ दिया। वे बस कांग्रेस को मजबूत करने के लिए अपनी बात रख रहे हैं। वहीं जी-23 गुट के एक नेता ने कहा कि पार्टी छोड़ने वाले तो वे लोग हैं, जो सिर्फ पावर के लिए उसके साथ थे। Source navbharattimes
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