गलवान संघर्ष को दो साल से कुछ ज्यादा अरसा हुआ है। तब से भारत-चीन रिश्तों में काफी गिरावट आई है और ये लगातार निचले स्तर पर ही बने हुए हैं। साल 2013 में देपसांग, 2014 में चुमार और 2017 में डोकलाम में भारतीय सेना और पीएलए के बीच हुए टकरावों से अलग है गलवान। उन टकरावों के बाद भारत-चीन के रिश्ते पुरानी अवस्था में लौट आए थे। लेकिन 2020 की गर्मियों में जो कुछ गलवान घाटी में हुआ, वह पहले की घटनाओं से एकदम अलग था। Source navbharattimes
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