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कांग्रेस के सीनियर नेता ने ही दी गलत खबर?

पिछले दिनों मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद पार्टी की फैसला लेने वाली सर्वोच्च बॉडी सीडब्ल्यूसी को भंग कर दिया गया। वैसे यह कदम कांग्रेस के संविधान के अनुरूप ही है। हर बार नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद ऐसा होता है। मगर जब तक नई कमिटी नहीं बनती, तब तक के लिए खरगे ने नई स्टीयरिंग कमिटी बना दी। जैसे ही इस कमिटी के बनने की खबर आई, पार्टी में हलचल शुरू हो गई। हालांकि कमिटी के नाम में कोई नई बात नहीं थी और इसमें सीडब्ल्यूसी के सभी पुराने मेंबरों को जगह भी मिली थी। लेकिन ऐसी खबरें आने लगीं कि इसमें शशि थरूर का नाम ही नहीं है। फिर इस बात को चुनाव से जोड़ा गया। थरूर खरगे के खिलाफ चुनाव में उतरे थे। लेकिन असल बात तो यह थी कि थरूर पहले वाली सीडब्ल्यूसी के भी मेंबर नहीं थे। इसके बाद इस बात का पता लगाने की कोशिश शुरू हुई कि यह बात फैली कहां से कि शशि थरूर को इसमें जानबूझ कर जगह नहीं दी गई। लेकिन जब मीडिया को इसके लिए जिम्मेदार नेता का नाम पता चला, तो सब हैरान रह गए। पार्टी के ही एक सीनियर नेता के ऑफिस की ओर से मीडिया को यह जानकारी दी गई थी। पार्टी को जब इसका पता चला तो नेता जी को संकेत दिया गया कि इस तरह की गलत खबरें देना ठीक नहीं। इसके बाद वह नेता तुरंत डैमेज कंट्रोल मोड में आ गए और लगातार सफाई दे रहे हैं कि यह खबर तो उनकी ओर से दी ही नहीं गई। Source navbharattimes

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