बाघ अपने आप में जीवन जीने वाला जीव है। जंगल में वह एक ध्यानमग्न प्राणी की तरह व्यवहार करता है। बाघ की आक्रामकता ज्यादातर छद्म होती है- महज डराने के लिए। अगर उसका व्यवहार असामान्य है तो हो सकता है कि वह बीमार, बूढ़ा, शिकार करने में अक्षम या घायल हो। Source navbharattimes
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