भाषा और लिपि की बात करें तो भारत में सबसे पुरानी सिंधु लिपि ही मानी जाएगी जो अभी तक पढ़ी नहीं जा पाई है। इसके बारे में भाषाविद इतना ही जान पाए हैं कि इसकी पहली लाइन दाएं से बाएं चलती है और दूसरी बाएं से दाएं। इसमें लगभग चार सौ संकेत हैं, लेकिन एक ही संकेत के अलग-अलग अक्षरों या तस्वीरों को छोड़ दें तो यह 250 रह जाते हैं। इस लिपि की सबसे खास बात यह है कि अपनी एक हजार साल की यात्रा में यह न के बराबर ही बदली। Source navbharattimes
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