अगर धर्मनिरपेक्ष संविधान की बात होती है तो एक समान नागरिक संहिता क्यों नहीं? परंपराएं तो समय के साथ बदलती रहती हैं हिंदुओं की कई बदलीं तो फिर UCC पर इतना हंगामा क्यों? ऐसे कई सवाल इस समय पूछे जा रहे हैं। स्वामीनाथन अय्यर ने इस पर लेख लिखा है। उन्होंने नेहरू से लेकर मोदी का जिक्र करते हुए इसकी जरूरत समझाई है। Source navbharattimes
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