इसरो के लिए एक और दबाव ऐन मौके पर पेश हो गया था। चार साल पहले चंद्रयान-2 के मंजिल पर पहुंचने से सिर्फ तीन मिनट पहले उसके साथ संवाद टूट गया था। ऊपर से रूस ने बिना किसी सूचना के 11 अगस्त को अपना यान छोड़ा और 15-16 अगस्त को उसे चंद्रमा की कक्षा में स्थापित भी कर दिया। Source navbharattimes
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