नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के चार साल पूरे हो गए हैं। 2019 में जब नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र सरकार सत्ता में आई तो इसके कुछ दिनों बाद ही चौंकाते हुए सरकार ने अचानक तब संसद के मॉनसून सत्र में एक झटके में इससे जुड़ा बिल पास करा दिया। हालांकि, शुरू के दिनों में केंद्र सरकार को वहां हालात को नियंत्रण रखने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई नेताओं को जेल हुई, कई दिनों तक इंटरनेट बंद रहा। लेकिन केंद्र सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि तब इन सब का अनुमान पहले ही लगा लिया था। आज जब चार साल पूरा होने के बाद देखते हैं तो केंद्र के इस बोल्ड फैसले का जमीन पर असर दिखने लगा है। अब वहां न सिर्फ हालात सामान्य हो चले हैं और बल्कि कश्मीर हर मोर्चे पर पिछले कुछ दिनों में विकास के पैमानों पर खरा उतरा है। मालूम हो कि 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत तब जम्मू-कश्मीर राज्य का बंटवारा कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेश- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटा गया। Source navbharattimes
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