5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया। पिछले एक सप्ताह में राम मंदिर और अयोध्या से जुड़ी कई भ्रामक सूचनाएं, फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए। कभी दावा किया गया कि राम जन्मभूमि पर फैसला सुनाने वाले पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कोरोना संक्रमित हो गए हैं। तो कभी राम मंदिर के मॉडल का बताकर किसी दूसरे मंदिर की फोटो वायरल हुई।
हालांकि, इसी बीच दैनिक भास्कर की फैक्ट चेक टीम ने इन भ्रामक सूचनाओं की सच्चाई पाठकों तक पहुंचाने का काम किया। जानें अयोध्या और राम मंदिर से जुड़े 5 बड़े दावों और उनके सच के बारे में।
क्या वायरल : दैनिक भास्कर के हवाले से वायरल मैसेज में दावा किया गया कि शाहरुख खान ने राम मंदिर निर्माण में 5 करोड़ रुपए दान दिए हैं।
सच्चाई : दैनिक भास्कर की वेबसाइट या अखबार में ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की गई। दावा फेक निकला।
क्या वायरल : राम जन्मभूमि पर फैसला देने वाले पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को शिलान्यास के दिन कोरोना हो गया।
सच्चाई : खुद रंजन गोगोई ने इस खबर को फेक बताया।
क्या वायरल : एक वीडियो के आधार पर यह दावा किया गया कि स्पेन में रह रहे भारतीय लोग राम मंदिर निर्माण का जश्न ढोल ताशे बजाकर मना रहे हैं।
सच्चाई : वीडियो पड़ताल में 2 साल पुराना निकला। इस जश्न का अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर से कोई संबंध नहीं है।
क्या वायरल : अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास की तैयारियों का बताकर कुछ तस्वीरें शेयर की गईं। इनमें घरों पर भगवा रंग पुता दिख रहा था। साथ ही कई घरों की दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र भी बने थे।
सच्चाई : वायरल हो रही तस्वीरें अयोध्या की नहीं बल्कि प्रयागराज की हैं।
क्या वायरल : एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की गई। जिसमें सुनहरे रंग की गुंबद वाले एक खूबसूरत मंदिर का आर्किटेक्चर व्यू है। दावा किया गया कि ये अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर का मॉडल है।
सच्चाई : असल में यह मॉडल पश्चिम बंगाल में बन रहे इस्कॉन मंदिर का है। इसे गलत दावे के साथ शेयर किया गया।
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