राजस्थान के सियासी घमासान के बीच रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसलमेर पहुंचे। वे यहां दिनभर रहेंगे और कांग्रेस विधायकों से प्रदेश में मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा करेंगे। साथ ही आगे की रणनीति भी तय की जाएगी। वहीं, होटल में कांग्रेस ने 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र की रणनीति की तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान फ्लोर मैनेजमेंट के लिए कांग्रेस ने एक टीम बनाई है, जो सियासी हालात पर फ्रंट फुट पर मोर्चा संभालेगी।
फिलहाल, रविवार सुबह से जैसलमेर के सूर्यागढ़ में कांग्रेस नेताओं के बीच फ्लोर मैनेजमेंट पर चर्चा शुरू हो चुकी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे, गोविंद सिंह डोटासरा, शांति धारीवाल, महेश जोशी, महेंद्र चौधरी समेत प्रमुख नेता होटल में मौजूद हैं।
विधानसभा में कांग्रेस की यह टीम फ्रंट फुट पर रहेगी
- संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल अगुआई करेंगे।
- धारीवाल ही नीतिगत पहलुओं पर बात रखेंगे।
- डॉ. बीडी कल्ला शांति धारीवाल के सहयोगी होंगे।
- महेश जोशी और महेंद्र चौधरी धारीवाल की मदद करेंगे।
- महेश जोशी और महेंद्र चौधरी विधायकों की संख्या बल की मौजूदगी का काम संभालेंगे।
- गोविंद सिंह डोटासरा विधानसभा में कांग्रेस के एक-एक विधायक पर ध्यान रखेंगे।
- सदन में विपक्ष पर जवाबी हमले की भी तैयारी है। इसकी जिम्मेदारी डॉ. रघु शर्मा, गोविंद सिंह डोटासरा, प्रताप सिंह खाचरियावास, ममता भूपेश, शाले मोहम्मद, सुभाष गर्ग, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, मदन प्रजापत, जगदीश जांगिड़, खिलाड़ी लाल बैरवा, गणेश घूघरा, रोहित बोहरा समेत प्रमुख नेता और मंत्री को सौंपी गई है।
- गैर कांग्रेसी सदस्य के तौर पर इस टीम में सुभाष गर्ग, संयम लोढ़ा, बलवान पूनिया, बलजीत यादव, बाबूलाल नागर, राजकुमार गौड समेत प्रमुख विधायक रहेंगे।
- संयम लोढ़ा सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह एक्टिव रहेंगे।
- कांग्रेस कैंप हर उस विधायक को जिम्मेदारी सौंप रहा है, जिनकी संसदीय मामलों और अच्छा बोलने वाले के तौर पर पहचान रही है। रणनीतिक मोर्चे पर कोई चूक ना हो, इसका पूरा ध्यान इसी टीम के जिम्मे होगा। यही टीम सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रिपोर्ट करेगी।
भाजपा की बाड़ेबंदी से विधायकों में हलचल बढ़ी
शनिवार को भाजपा ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। इसके 2 कयास लगाए जा रहे हैं, एक तो भाजपा को अपने विधायकों का टूटने का डर है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि गहलोत खेमे में संकट होने पर भाजपा विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा सकती है।
दूसरा यह कि गहलोत सरकार संकट में है और कहीं न कहीं भाजपा ने भी कोई रणनीति बनाई है और इसी के चलते विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू की है। ऐसे में राजनीति हलचल तेज हो गई है। दोनों दलों के नेताओं की धड़कनें बढ़ गई हैं।
गहलोत पिछले 5 दिन से जयपुर में थे। जब विधायकों को यहां लाया गया, उस समय सीएम साथ आए थे। उसके अगले दिन वापस चले गए और रविवार को एक बार फिर लौटे, लेकिन सोमवार को जयपुर जाने के बाद अब वापस नहीं आएंगे। लगातार उनका कार्यक्रम स्थगित हो रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार किसी फाॅर्मूले के जरिए संकट को टालने की तलाश में है।
जैसे-जैसे विधानसभा सत्र की तारीख नजदीक आ रही है, सरकार पर संकट बढ़ता जा रहा है। इसी के तहत कांग्रेस के दिग्गज लगातार जैसलमेर पहुंच रहे हैं।
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