DIGITELNEWS पर पढ़ें हिंदी समाचार देश और दुनिया से,जाने व्यापार,बॉलीवुड समाचार ,खेल,टेक खबरेंऔर राजनीति के हर अपडेट

 

जियो के जरिए 40 करोड़ यूजर्स तक पहुंच चुकी रिलायंस का अगला टारगेट है रिटेल बिजनेस, उसकी सीधी टक्कर अमेजन से

रिलायंस ग्रुप इन दिनों रिटेल बिजनेस के चलते चर्चा में है। हाल ही में रिलायंस ने कर्ज तले दबे किशोर बियाणी के फ्चूयर ग्रुप (बिग बाजार) को टेकओवर किया। अब रिलायंस का यह प्लान है कि रिटेल बिजनेस को भारत में मजबूत करने के साथ-साथ इंटरनेशनल लेवल पर भी पहुंचा दिया जाए।

रिलायंस इंडस्ट्रीज को ट्रैक करने वाले एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की नजर ई-कॉमर्स और इंटरनेशनल लेवल पर रिटेल बिजनेस को आगे बढ़ाने पर है। इसमें उसकी सीधी टक्कर अमेजन से होगी।

मार्केट एनालिस्ट जिग्नेश माधवाणी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि जियो के दम पर रिलायंस रिटेल ने एक साथ 40 करोड़ से ज्यादा कंज्यूमरों तक पहुंचने का टारगेट रखा है। कंपनी चाहती है कि जियो के जरिए उसे ई-कॉमर्स बिजनेस में भी फायदा मिले।

15 साल पहले रिटेल सेक्टर में एंट्री, 10 साल में रेवेन्यू बढ़ा

रिलायंस ग्रुप ने 15 साल पहले रिटेल सेक्टर में एंट्री ली थी। पिछले 10 साल में रिलायंस रिटेल का रेवेन्यू 3,472% बढ़ गया। 2009-10 में कंपनी का रेवेन्यू 4,565 करोड़ रुपए था। 2019-20 में यह बढ़कर 1.62 लाख करोड़ रुपए हो गया। पिछले दो साल से रेवेन्यू 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर है। 2020-21 में इसके 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होने की संभावना है।

रिलायंस रिटेल का किससे मुकाबला?

ऑनलाइन बिजनेस में रिलायंस रिटेल का सीधा मुकाबला अमेजन, फ्लिपकार्ट, डी-मार्ट, ग्रोफर्स जैसे ई-कॉमर्स प्लेयर्स से है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेवेन्यू के मामले में रिलायंस रिटेल के आसपास कोई दूसरी कंपनी नहीं है। भारत में अमेजन और फ्लिपकार्ट सबसे बड़े ई-कॉमर्स ब्रांड हैं, लेकिन उनका रेवेन्यू काफी कम रहा है। डी-मार्ट और टाटा रिटेल वेंचर्स भी रिलायंस रिटेल से काफी पीछे हैं।

रिलायंस ने जियो के रास्ते कस्टमर बेस बनाया

मार्केट एनालिस्ट माधवाणी बताते हैं कि आमतौर पर कोई भी कंपनी पहले प्रोडक्ट लॉन्च करती है और बाद में कंज्यूमर तक पहुंचती है, लेकिन रिलायंस ने इसके उलट ट्रेंड फॉलो किया है। रिलायंस ने रिटेल बिजनेस में डेवलपमेंट से पहले जियो के रास्ते कस्टमर बेस बना लिया है। जियो के अभी करीब 40 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं, जो देश के छोटे से लेकर बड़े शहरों तक मौजूद हैं।

फ्यूचर्स ग्रुप के टेकओवर से रिटेल स्टोर स्पेस दोगुना हो गया

  • रिलायंस रिटेल के लिए ई-कॉमर्स सेगमेंट में सबसे बड़ा काम्पिटीटर अमेजन है। अमेजन इंडिया के पास 13 शहरों में 2.6 करोड़ स्क्वेयर फीट का स्पेस है, जिसका इस्तेमाल डिलीवरी सेंटर के रूप में किया जाता है।
  • रिलायंस के पास 2.87 करोड़ स्क्वेयर फीट स्टोर स्पेस है। इसमें से थोड़ा हिस्सा B2B के लिए यूज किया जाता है।
  • फ्यूचर ग्रुप के सबसे बड़े ब्रांड बिग बाजार की मौजूदगी 200 से ज्यादा शहरों में है। इसके टेकओवर से रिलायंस रिटेल का स्पेस बढ़कर 5.25 करोड़ स्क्वेयर फीट हो जाएगा। रिलायंस इसका इस्तेमाल डिलीवरी सेंटर के रूप में कर सकती है।
  • इतने ज्यादा स्टोर के चलते ई-कॉमर्स बिजनेस में उसकी डिलीवरी फास्ट हो जाएगी। रिलायंस 12 घंटे या उससे भी कम समय में डिलीवरी करने की स्ट्रैटजी बना रही है।

रिलायंस का अब तक का सफर

रिलायंस इंडस्ट्रीज के तहत रिलायंस रिटेल वेंचर बनाई गई थी। इसके बाद 2006 में रिलायंस रिटेल लिमिटेड शुरू की गई। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, सितंबर 2019 तक उसके देश में 2.45 करोड़ स्क्वेयर फीट स्पेस में 10,901 से ज्यादा स्टोर्स चल रहे थे।

1. रिलायंस फ्रेश/स्मार्ट - भारत में फ्रेश और स्मार्ट के 620 से ज्यादा स्टोर्स हैं। इसमें सब्जियां, अनाज, फल, डेयरी प्रोडक्ट्स, बेकरी आइटम्स, होम और पर्सनल केयर जैसे सामान बेचे जाते हैं।

2. जियोमार्ट - यह रिटेल का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। इसमें घरों में रोजाना इस्तेमाल होने वाले और ग्रॉसरी बेची जाती है। देशभर के 200 से ज्यादा शहरों में इसकी मौजूदगी है।

3. रिलायंस मार्केट - यह होलसेल कैश एंड कैरी स्टोर का बिजनेस मॉडल है। देश में इसके 50 से ज्यादा स्टोर्स हैं। लगभग 40 लाख से ज्यादा किराना स्टोर्स इसके मेंबर पार्टनर हैं।

4. रिलायंस डिजिटल - यह कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक स्टोर चेन है।

5. जियो स्टोर - यह डिजिटल का ही एक पार्ट है। जियो खासतौर पर मोबिलिटी और कम्युनिकेशन प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है।

6. रिलायंस ट्रेंड्स - यह एक लाइफस्टाइल रिटेल स्टोर है। ट्रेंड्स के 777 स्टोर्स हैं।

7. प्रोजेक्ट ईव - यह फैशन ब्रांड स्टोर 25 से 40 की एज ग्रुप में आने वाली और खासतौर पर वर्किंग वुमन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस ब्रांड का फोकस, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसे मेट्रो और कॉस्मोपॉलिटन शहरों पर है।

8. ट्रेंड्स फुटवियर - यह एक्सक्लूसिव फैशन फुटवियर ब्रांड स्टोर है।

9. रिलायंस मॉल - रिलायंस रिटेल के सभी ब्रांड्स के साथ अन्य ब्रांड की चीजें भी एक ही जगह मिल सकें, इसके लिए रिलायंस मॉल शुरू किए गए हैं।

10. रिलायंस ज्वेल्स - रिलायंस रिटेल के तहत आने वाला यह ज्वेलरी ब्रांड है। देश के 105 शहरों में इसकी मौजूदगी है।

11. अजियो - यह फैशन और लाइफस्टाइल ब्रांड है। अजियो-कॉम (Ajio.com) रिलायंस का सबसे पहला ई-कॉमर्स वेंचर है, जो 2016 में शुरू हुआ।

विदेशी ब्रांड्स के साथ कनेक्शन

रिलायंस रिटेल करीब 45 विदेशी ब्रांड्स से जुड़ा हुआ है। ये सभी हाई प्रीमियम और लग्जरी ब्रांड हैं। इन फॉरेन ब्रांड्स की रिलायंस रिटेल के 682 स्टोर्स में बिक्री की जाती है। कंपनी चाहती है कि इंटरनेशनल ब्रांड पोर्टफोलियो में अब ज्यादा से ज्यादा ग्लोबल ब्रांड्स की एंट्री हो जाए।

2007 में रिलायंस को विरोध का सामना करना पड़ा था

भारत में रिटेल बिजनेस के सामने दो चुनौतियां होती हैं। हाई रेंटल और लो प्रॉफिट मार्जिन। रिलायंस जब रिटेल बिजनेस में आया, तो उसके लिए ये दोनों चुनौतियां मायने नहीं रखती थीं। उसके सामने तीसरी तरह की चुनौती थी। 2007 में देशभर में रिटेल चेन के बिजनेस मॉडल का छोटे दुकानदारों और किसानों ने विरोध कर दिया।

रिलायंस रिटेल को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा। पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश में उसके बिजनेस पर असर पड़ा। 2008 में मंदी आ गई। इसने भी देशभर में अलग-अलग सेक्टर्स के बिजनेस पर असर डाला। इसके बाद 2011 तक रिलायंस के रिटेल बिजनेस में टॉप लेवल लीडरशिप में बदलाव होता रहा। 2011 के बाद कंपनी का रिटेल बिजनेस मजबूत होता गया और उसका रेवेन्यू बढ़ता गया।

अब टेक्नोलॉजी और नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर का रिलायंस के रिटेल बिजनेस का ज्यादा फायदा मिल सकता है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Reliance's next target is retail business, which has reached 400 million users through Jio, its direct competition with Amazon
Source http://bhaskar.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ