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एनम से स्नेहा दूबे तक, 2016 से ही पाकिस्तानी दुष्प्रचार की धज्जियां उड़ा रहीं हिंदुस्तानी शेरनियां

पाकिस्तान हर-छोटे बड़े मंच पर भारत के खिलाफ प्रॉपगैंडा और कश्मीर राग अलापने का मौका तलाशता रहता है। बात जब दुनिया के सबसे बड़े मंच संयुक्त राष्ट्र की हो तो तब तो जरूर करता है। इस बार भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के खिलाफ जहर उगला और हमेशा की तरह भारत ने राइट टु रिप्लाई के तहत इस्लामाबाद के भारत-विरोधी प्रॉपगैंडा की न सिर्फ हवा निकाल दी बल्कि आतंकवाद को लेकर उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया। खास बात यह है कि पिछले कुछ सालों से भारत की महिला शक्ति यूएन में पाकिस्तान को करारा जवाब देती आ रही हैं। इस बार यूएन में भारत के स्थायी मिशन में फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने मोर्चा संभाला। आइए देखते हैं कब-कब हिंदुस्तान की शेरनियों ने अपने दमदार तर्कों से यूएन में पाकिस्तान के झूठ और फरेब के परखच्चे उड़ाए।

आदत से मजबूर पाकिस्तान ने इस बार भी यूएन के मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए किया और कुछ ही घंटे में भारतीय राजनयिक स्नेहा दुबे ने उनके हर एक झूठ और प्रपंच की धज्जियां उड़ाकर रख दी। इमरान खान के रिकॉर्डेड भाषण पर राइट टु रिप्लाई के तहत दुबे ने अपने दमदार तर्कों से उनके हर झूठ के चिथड़े उड़ा दिए।


एनम गंभीर, विदिशा मैत्रा, पोलमी त्रिपाठी और अब स्नेहा दुबे, जब हिंदुस्तानी शेरनियों ने UN में पाकिस्तानी दुष्प्रचार के उड़ाए परखच्चे

पाकिस्तान हर-छोटे बड़े मंच पर भारत के खिलाफ प्रॉपगैंडा और कश्मीर राग अलापने का मौका तलाशता रहता है। बात जब दुनिया के सबसे बड़े मंच संयुक्त राष्ट्र की हो तो तब तो जरूर करता है। इस बार भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के खिलाफ जहर उगला और हमेशा की तरह भारत ने राइट टु रिप्लाई के तहत इस्लामाबाद के भारत-विरोधी प्रॉपगैंडा की न सिर्फ हवा निकाल दी बल्कि आतंकवाद को लेकर उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया। खास बात यह है कि पिछले कुछ सालों से भारत की महिला शक्ति यूएन में पाकिस्तान को करारा जवाब देती आ रही हैं। इस बार यूएन में भारत के स्थायी मिशन में फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने मोर्चा संभाला। आइए देखते हैं कब-कब हिंदुस्तान की शेरनियों ने अपने दमदार तर्कों से यूएन में पाकिस्तान के झूठ और फरेब के परखच्चे उड़ाए।



2016 में एनम गंभीर
2016 में एनम गंभीर

2016 में युवा राजनयिक एनम गंभीर ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर चुन-चुनकर पलटवार किया। गंभीर ने यूएन जनरल असेंबली के 71वें सत्र की जनरल डिबेट में भारत के 'राइट टु रिप्लाई' का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी झूठ की धज्जियां उड़ाकर रख दी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भाषण में हमेशा की तरह कश्मीर राग अलापा था। इसके ठीक पांच घंटे बाद एनम गंभीर ने अपने प्रभावशाली और तार्किक भाषण में पाकिस्तान सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया

एनम ने अपने भाषण में कहा,'जब आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है तो यह युद्ध अपराध कहलाता है। आतंकवाद को स्पॉन्सर करना पाकिस्तान की पुरानी नीति रही है। इसके नतीजे हमारे आस-पड़ोस के इलाकों से आगे भी दिखाई दे रहे हैं। यह कितना विरोधाभासी है कि जिस देश ने अपने यहां आतंकवाद को ज्न्म दिया, वह मानवाधिकारों की बात कर रहा है। प्राचीन भारत में तक्षशिला ज्ञान का केंद्र हुआ करता था लेकिन अब वहां आंतकियों की कतार लगी है।' उन्होंने अपने भाषण में 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए आतंकी हमले की याद भी दिलाई। एनम ने साफ शब्दों में कहा कि मानवाधिकारों की बात करने वाले पाकिस्तान का रवैया कितना पाखंडी और दोहरा है।



2017 में पोलमी त्रिपाठी
2017 में पोलमी त्रिपाठी

झूठ, दुष्प्रचार और फर्जी तस्वीरों के जरिए भारत को बदनाम करना पाकिस्तान की फितरत है। 2017 में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने एक फिलिस्तीनी महिला की तस्वीर को दिखाते हुए दावा किया था कि यह कश्मीरी महिला है जिस पर 'पेलेट गन' से अनगिनत वार किया गया है। पाकिस्तानी डिप्लोमेट ने फर्जी तस्वीर के सहारे कश्मीर में 'भारतीय फौज की क्रूरता' और 'मानवाधिकारों के उल्लंघन' का झूठ गढ़ने की कोशिश की। तब राइट टु रिप्लाई के तहत भारतीय राजनयिक पोलमी त्रिपाठी ने पाकिस्तानी झूठ की धज्जियां उड़ा दीं।

त्रिपाठी के एक हाथ में भारत के शहीद आर्मी अफसर उमर फैयाज की तस्वीर थी तो दूसरे में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी की तस्वीर जिसमें वह फिलीस्तीन की एक महिला को कश्मीरी महिला बताती हुई नजर आ रही हैं। शहीद उमर फैयाज की तस्वीर के जरिए उन्होंने कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की असली तस्वीर पेश की। पाकिस्तानी राजनयिक की फर्जी तस्वीर की असलियत बताते हुए उन्होंने इस्लामाबाद की पोल खोलकर रख दी।



2019 में विदिशा मैत्रा
2019 में विदिशा मैत्रा

दो साल पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन में कश्मीर का राग अलापा था। भारत ने उसी साल जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया था, जिसकी बौखलाहट इमरान के भाषण में साफ झलक रही थी। इसके बाद आईएफएस अफसर विदिशा मैत्रा ने राइट टु रिप्लाई के तहत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदा कर दिया। उन्होंने कहा कि 'आतंकवाद की फैक्ट्री' के रूप में बदनाम देश को मानवाधिकारों पर उपदेश देना शोभा नहीं देता।

मैत्रा ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र देश है जो वैसे शख्स को पेंशन देता है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अल कायदा और ISIS जैसे आतंकियों की लिस्ट में रखा है। क्या पाकिस्तान इससे इनकार कर सकता है कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित 25 आतंकी संगठनों का ठिकाना उसके यहां है। उन्होंने कहा, 'UNGA में इमरान का भाषण दुर्भाग्यपूर्ण है और आतंक की फैक्ट्री चलाने वाले से हमें नसीहत नहीं चाहिए। UN में सूचीबद्ध 155 आतंकी पाक में मौजूद हैं और पाकिस्तान मानवाधिकार का चैंपियन बनने की कोशिश में लगा हुआ है।'



2021 में स्नेहा दुबे
2021 में स्नेहा दुबे

इस बार भी इमरान खान ने तालिबान की वकालत करते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद का पीड़ित बताया। भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। कश्मीर का राग छेड़ा। जवाब में भारत के यूएन मिशन में फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान के एक-एक झूठ की धज्जियां उड़ाकर रख दी। उन्होंने कहा, 'हम सुनते आए हैं कि पाकिस्तान 'आतंकवाद का पीड़ित' है। यह एक ऐसा देश है जो आग बुझाने वाले का वेष बनाकर आग लगाता है। पाकिस्तान ने अपने आंगन में आतंकवादियों को इस उम्मीद में पाला-पोसा कि वे सिर्फ उसके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। उनकी नीतियों से हमारा क्षेत्र ही नहीं पूरी दुनिया पीड़ित हुई है।'

स्नेहा दुबे ने कहा, '9/11 आतंकी हमले के 20 साल हो चुके हैं। दुनिया यह नहीं भूली है कि इस हमले का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली थी। पाकिस्तानी नेतृत्व अब भी उसे एक शहीद के तौर पर ग्लोरीफाई करना जारी रखा है। दुर्भाग्य से आज भी पाकिस्तान के नेता आतंकी कृत्यों को सही ठहराने की कोशिश करते रहते हैं। आधुनिक युग में आतंकवाद का इस तरह बचाव बिल्कुल नामंजूर है।'



Source navbharattimes

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