पिछले कुछ दिनों से ओबीसी और इससे जुड़े मुद्दों पर सियासत केंद्र में आ गई है। इसका असर राजनीतिक दलों के अंदर संगठन और नेतृत्व पर भी पड़ने लगा है। सभी दलों के अंदर ओबीसी नेताओं की पूछ बढ़ने लगी है। संगठन में ओबीसी की हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, ओबीसी वोट को प्रभावित करने वाले छोटे-छोटे दलों को भी अपने पक्ष में करने के लिए तमाम बड़े राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल अचानक सक्रिय हो गए हैं। सभी दलों का आकलन है कि 2024 में जिस सियासी टीम में जितने मजबूत ओबीसी खिलाड़ी होंगे, उसे उतना ही लाभ मिलेगा और वह चुनावी पिच पर बेहतर स्कोर कर पाएगी। Source navbharattimes
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