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'चेहरे पर क्या चमक है?' स्कूल जाते बच्चों को पीएम मोदी ने दी शाबाशी

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्कूल खुलने से विद्यार्थियों के चेहरे पर चमक आ गई है। उन्होंने कहा कि डेढ़-दो सालों के बाद स्कूल के दोस्तों से मिलने और कक्षाओं में पढ़ने की खुशी विद्यार्थियों के चेहरों से साफ झलक रही है। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। सम्मेलन में देश के कोने-कोने से विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया। बच्चों के चेहरे पर अलग ही चमक दिख रही है: प्रधानमंत्री पीएम ने इस मौके पर कहा, 'इस कार्यक्रम में हमारे जो विद्यार्थी उपस्थित हैं, मैं उनके भी चेहरे स्क्रीन पर देख रहा हूं। डेढ़-दो सालों में पहली बार ये अलग सी चमक आपके चेहरों पर दिख रही है। ये चमक संभवतः स्कूल खुलने की लगती है।' मोदी ने आगे कहा, 'लंबे समय बाद स्कूल जाना, दोस्तों से मिलना, क्लास में पढ़ाई करना, इसका आनंद ही कुछ और होता है। लेकिन, उत्साह के साथ-साथ कोरोना नियमों का पालन भी हमसबको, आपको भी पूरी कड़ाई से करना है।' ऑनलाइन एजुकेशन की सराहना प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में शिक्षा क्षेत्र में हुए अद्भुत कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'इस कोरोना काल में आप सभी दिखा चुके हैं कि हमारी शिक्षा व्यवस्था का सामर्थ्य कितना ज्यादा है। चुनौतियां अनेक थीं, लेकिन आप सभी ने उन चुनौतियों का तेजी से समाधान भी किया।' पीएम ने ऑनलाइन पढ़ाई से परीक्षा तक की चर्चा करते हुए कहा, 'ऑनलाइन क्लासेज, वीडियो कॉल, ऑनलाइन प्रॉजेक्ट्स, ऑनलाइन एग्जाम... पहले ऐसे शब्द बहुत से लोगों ने सुने भी नहीं थे, लेकिन हमारे पैरेंट्स ने और युवाओं ने इन्हें सहजता से दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया। अब समय है कि हम अपनी इन क्षमताओं को आगे बढ़ाएं। हमने इस मुश्किल समय में जो कुछ सीखा है, उसे एक नई दिशा दें।' भागीदारी आधारित हैं नई शिक्षा नीति प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सौभाग्य से देश के पास बदलाव का वातावरण है। साथ ही, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और फीचरस्टिक पॉलिसी भी है। इसलिए पिछले कुछ समय से देश लगातार शिक्षा क्षेत्र में एक निर्णय ले रहा है, एक बदलाव होते देख रहा है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का जिक्र करते हुए कहा, 'यह अभियान केवल नीति आधारित नहीं बल्कि भागीदारी आधारित है।' पीएम ने आगे कहा, 'NEP के निर्माण से लेकर लागू करने तक, हर स्तर पर अकादमिक जगत का, विशेषज्ञों का, शिक्षकों का, सबका योगदान रहा है। आप सभी इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं। अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है।' विद्यांजलि 2.0 का जिक्र पीएम ने कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो मनचाहा परिणाम अवश्य मिलते हैं। उन्होंने कहा, 'आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का राष्ट्रीय चरित्र बनता जा रहा है। पिछले 6-7 वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश ने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के साथ 'सबका प्रयास' का जो संकल्प लिया है, 'विद्यांजलि 2.0' उसके लिए एक प्लैटफॉर्म की तरह है। इसमें हमारे समाज को, हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है।' राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को बधाई मोदी ने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले हमारे शिक्षकों को बधाई दी और कोरोना के कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए दिए गए योगदानी का सराहना की। पीएम ने शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन के दौरान शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत भी की। उन्होंने कहा, 'आज शिक्षक पर्व के अवसर पर अनेक नई योजनाओं का प्रारंभ हुआ है। ये पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है।'
Source navbharattimes

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