विदेशी मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का जिक्र एक 'कट्टर हिंदूवादी सरकार के मुखिया' की तरह होता है। अक्सर नामी संस्थानों में मोदी सरकार की आलोचना करते लेख प्रकाशित होते हैं।
'कट्टर हिंदूवादी सरकार', 'हिंदू बहुलतावादी सरकार', 'भगवा पार्टी की सरकार'... विदेशी मीडिया में नरेंद्र मोदी की सरकार को इन्हीं विशेषणों से नवाजा जाता है। न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट, द गार्जियन, टाइम, इकनॉमिस्ट, डेली मेल, ग्लोबल टाइम्स, बीबीसी जैसे कई आउटलेट्स इसी लाइन पर लेखों को जगह देते आए हैं। ताजा आलोचनात्मक लेख 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के फ्रंट पेज पर छपा है। इसमें बताया गया है कि कैसे मोदी सरकार ने 'विज्ञान को एक राजनीतिक हथियार की तरह' इस्तेमाल किया है। यह लेख NYT के इसी तरह के कई लेखों की श्रृंखला का हिस्सा है। NYT ने पिछले कुछ सालों में कई बार मोदी को निशाने पर लेकर रिपोर्ट्स छापी हैं।
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कोविड हैंडलिंग पर बेहद तीखे शब्दों का हुआ इस्तेमालNYT ने इसी साल भारत में कोविड की दूसरी लहर के दौरान कई रिपोर्ट्स और ओपिनियन पीस छापे। एक में तो यहां तक कहा गया था कि मोदी की वजह से भारत में 'सरकार की तरफ से कोविड नरसंहार' हुआ। एक अन्य लेख में प्रेस की आजादी को लेकर सवाल खड़े किए।
नीति आयोग भी NYT को लगा चुका है लताड़
करीब चार महीने भारत में दूसरी लहर चरम पर थी। उस वक्त न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट छापी जिसमें दावा किया गया कि भारत में कोविड के चलते 40 लाख मौतें हुईं। अखबार ने एक दर्जन से ज्यादा एक्सपर्ट्स के वाले से ऐसे दावे किए। तब नीति आयोग ने बेहद कड़े शब्दों में रिपोर्ट को 'मनगढ़त' करार दिया था। डॉ वीके पॉल ने कहा था कि यही पैमाना अमेरिकी शहरों पर लागू नहीं किया जाएगा। अखबार ने यह भी कहा था कि भारत सरकार ने मौतों के आंकड़े छिपाए। जिसपर पॉल का कहना था कि हमारे पास मौतों को ट्रैक करने का मजबूत सिस्टम है।
CAA पर मोदी को टारगेट बनाकर छापा लेख
जब नरेंद्र मोदी सरकार ने 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' पारित किया तो विदेशी मीडिया में इस कदम की आलोचना करते हुए कई लेख छपे। NYT ने तब एक ओपिनियन पीस छापा जिसका शीर्षक था कि 'मोदी ने अपनी कट्टरता और जाहिर कर दी'।
According to NYT, PM Modi's faith is c0mmunal but Biden's is not. BTW this is the same NYT that reported… https://t.co/mPAyJjEKsK
— Prachi Chaturvedi 🇮🇳 (@PrachiBJP) 1611557040000
कश्मीर हो या कोरोना, हर बार टारगेट बस मोदीन्यूयॉर्क टाइम्स ने कोविड को ऐसी चुनौती बताया जिसका मोदी सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। एक लेख में कहा गया कि मोदी हर बार नैरिटिव बदल लेते थे मगर इस बार कोविड ने सबपर पानी फेर दिया। आर्टिकल 370 में संशोधन के बाद कश्मीर के हालात पर लेख में NYT ने कहा कि भारत में मुसलमान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है।
Do u want to bcm "SA Biz Corr" of @nytimes ? Its easy-U just need to have "Hindu & Modi phobia" I challenge NYT… https://t.co/jZWyz0N0X7
— Sameer (@BesuraTaansane) 1625206163000
कोविड को लेकर विदेशी मीडिया में खूब हुई आलोचनाविदेशी मीडिया में मोदी सरकार की कोविड हैंडलिंग को लेकर काफी कुछ लिखा गया है। दूसरी लहर के दौरान, जब रोज तीन-तीन हजार से ज्यादा मौतें हो रही थीं तो विदेशी मीडिया में मोदी को खूब भला-बुरा कहा गया। गार्जियन ने मोदी सरकार के 'अतिआत्मविश्वास' को जिम्मेदार ठहराया तो वाशिंगटन पोस्ट में लिखा गया कि मोदी की इमेज बचाने के चक्कर में ऐसे फैसले किए गए जो डिजास्ट साबित हुए। इकनॉमिस्ट में छपे एक लेख में मोदी की धीमी रफ्तार पर सवाल उठाए गए थे। ग्लोबल टाइम्स, ले मोंड, कतर ट्रिब्यून समेत कई विदेशी मीडिया संस्थानों में मोदी सरकार की कोविड हैंडलिंग की आलोचना हुई।
TIME में भी मोदी पर छपे तीखे लेख
2019 में मशहूर TIME मैगजीन ने मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' बताते हुए कवर स्टोरी की थी। आतिश तासीर ने अपने लेख में कई पॉइंट्स उठाते हुए मोदी सरकार की नीयत पर सवाल उठाए थे। इस कवर पेज पर खासा विवाद भी हुआ।
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