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'आप हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं', आखिर आज केंद्र पर क्यों बरसा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट और नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए सोमवार कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान नहीं हो रहा है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हमें लगता है कि केंद्र को इस अदालत के फैसलों का कोई सम्मान नहीं है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हमने पिछली बार भी पूछा था कि आपने ट्रिब्यूनलों में कितनी नियुक्तियां की हैं। आप हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे पास तीन विकल्प हैं। पहला कानून पर रोक लगा दें, दूसरा ट्रिब्यूनलों को बंद कर दें और स्वयं ट्रिब्यूनलों में नियुक्तियां करें। उसके बाद सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। कोर्ट की ओर से कहा गया कि केंद्र नियुक्तियों का आदेश जारी करेगी। कोर्ट ने कहा कि पिछली सुनवाई में भी पूछा था कि आपने ट्रिब्यूनलों में कितनी नियुक्तियां की हैं। वहीं दूसरी ओर चीफ जस्टिस ने जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार की तारीफ भी की। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने भी सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा था कि वह अपना स्टैंड साफ करे कि क्या ट्रिब्यूनल को बनाए रखना चाहती है या बंद करना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ब्यूरोक्रेसी ट्रिब्यूनल नहीं चाहती है। देश भर के अलग-अलग ट्रिब्यूनल जैसे आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल और एनजीटी आदि में जूडिशियल और नॉन जूडिशियल मेंबरों के पद खाली पड़े हुए हैं।
Source navbharattimes

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