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25 जनवरी, 1920: सावरकर के भाई के नाम बापू की चिट्ठी जिसने 101 साल बाद चढ़ा दिया सियासी पारा

नई दिल्‍ली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर को लेकर मंगलवार को जो दावा किया, उसने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। सिंह ने कहा कि सावरकर ने महात्‍मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों के सामने दया याचिका डाली थी। जिस कार्यक्रम में राजनाथ ने यह दावा किया, उसी में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। उन्‍होंने कहा क‍ि एक सोची-समझी साजिश के तहत 'सावरकर को बदनाम करने की मुंहिम चलाई गई।' सिंह के दावे पर कांग्रेस, लेफ्ट समेत कई दलों ने केंद्र सरकार पर इतिहास को 'मनमुताबिक ढंग से लिखने' का आरोप मढ़ दिया। थोड़ी नोक-झोंक और सामने आ गई बापू की वह चिट्ठीइतिहासकार डॉ विक्रम संपत ने सिंह के दावे को सही ठहराया तो इरफान हबीब ने कहा कि इस दावे का कोई सबूत मौजूद नहीं है। संपत ने कहा कि गांधी ने 1920 में सावरकर बंधुओं को याचिका दाखिल करने की सलाह दी थी। इसपर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सिंह ने गांधी की 25 जनवरी 1920 की चिट्ठी को 'बढ़ा-चढ़ाकर' पेश किया है। कुछ देर बाद उन्‍होंने वह पूरी चिट्ठी ही ट्वीट कर दी जो बापू ने सावरकर के छोटे भाई नारायण सावरकर को लिखी थी। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ने रमेश की बात से सहमति जताते हुए तंज कसा कि 'किसी RSS 'इतिहासकार' ने उन्‍हें (राजनाथ) ब्रीफ किया होगा।' CPM नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया कि 'सावरकर की दया याचिकाएं 1911 और 1913 में हैं। गांधीजी भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम में 1915 में दाखिल होते हैं। तथ्‍यों से ऐसी छेड़छाड़ करके गुमराह नहीं किया जा सकता।' सावरकर के भाई ने बापू से क्‍या कहा था?डॉ एनडी सावरकर ने 18 जनवरी 1920 को गांधी को चिट्ठी लिखी। उसमें वह कहते हैं कि 'यह साफ है कि भारत सरकार (अंग्रेज) ने उन्‍हें (सावरकर बंधुओं- गणेश और विनायक) रिहा नहीं करने का फैसला कर लिया है। कृपया आप बताइए कि इन हालात में क्‍या करना चाहिए। वे (मेरे भाई) पहले ही अंडमान में 10 साल से ज्‍यादा की कड़ी सजा काट चुके हैं और उनका स्‍वास्‍थ्‍य बेहद बिगड़ चुका है। उनका वजन 118 से घटकर 95-100 के बीच आ गया है।' गांधी ने जवाब में क्‍या लिखा?बापू ने 25 जनवरी, 1920 को अपना जवाब भेजा। वह लिखते हैं, 'आपका पत्र मिला। आपको सलाह देना कठिन है। फिर भी मेरा सुझाव है कि आप एक छोटी याचिका तैयार करें जिसमें मामले के तथ्‍य सामने रखकर यह साफ किया जाए कि आपके भाई ने जो अपराध किया, वह पूरी तरह राजनीतिक था। मैं ऐसा सुझाव इसलिए देर रहा हूं ताकि मामले पर लोगों का ध्‍यान केंद्रित करना संभव हो सकेगा। तब तक, जैसा कि मैंने पहले भी एक पत्र में आपसे कहा है, मैं इस मामले में अपने तरीके से आगे बढ़ रहा हूं।' सावरकर पर दावे के बाद विपक्ष के निशाने पर राजनाथराजनाथ ने सावरकर को एक कट्टर राष्ट्रवादी और 20वीं सदी में भारत का पहला सैन्य रणनीतिकार बताया। सावरकर पर एक किताब के विमोचन के दौरान सिंह ने कहा कि उन्होंने देश को 'मजबूत रक्षा और कूटनीतिक सिद्धांत' दिया। सिंह अपने बयान की वजह से विपक्ष के निशाने पर हैं। AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'भाजपा और आरएसएस देश को संदेश दे रहे हैं कि वह दिन दूर नहीं, जब महात्मा गांधी की जगह सावरकर को राष्ट्रपिता घोषित किया जाएगा।'
Source navbharattimes

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