कुशीनगर/गोरखपुर प्रधानमंत्री आज उत्तर प्रदेश के कुशीमगर में इंटरनैशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण करने के लिए पहुंचेंगे। इसके बाद महापरिनिर्वाण मंदिर पर पहुंचकर ( Day) पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वह की लेटी हुई प्रतिमा पर चीवर (भिक्षु वस्त्र) भी चढ़ाएंगे। 180 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से अश्विन पूर्णिमा के अवसर पर अभिधम्म दिवस का आयोजन कर रहे हैं। अभिधम्म दिवस असल में बौद्ध भिक्षुओं और ननों के लिए तीन महीने की वर्षा वापसी (वर्षावास या वासा की समाप्ति का प्रतीक) है, जिसके दौरान वे एक स्थान पर रहते हैं और प्रार्थना करते हैं। अभिधम्म दिवस ज्यादातर उन देशों में मनाया जाता है, जहां अधिकांश आबादी बौद्ध धर्म का पालन करती है। मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान बुद्ध स्वर्ग से पृथ्वी पर वापस आए थे। ऐसी मान्यता है कि वह अपनी मां को अभिधम्म पिटक सिखाने के लिए स्वर्ग गए थे। शिक्षण में 3 महीने लगे, जिसके बाद बुद्ध धरती पर वापस आए। उनके अनुयायी भी 3 महीने के समय को एक स्थान पर रहकर और प्रार्थना करके चिह्नित करते हैं। श्रीलंका के वास्काडुवा श्री सुबुद्धि राजविहार मंदिर के महानायक इस दौरान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन भी करेंगे। कुशीनगर गौतम बुद्ध की अंतिम स्थली है, जहां उन्होंने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। इस दौरान म्यांमार, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, दक्षिण कोरिया सहित अन्य जगहों के प्रख्यात बौद्ध भिक्षु उपस्थित रहेंगे।
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