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कांग्रेस में सुलझ गया G-23 का मुद्दा? राहुल गांधी के करीब दिखे आजाद तो होने लगी चर्चा

नई दिल्ली कांग्रेस में जी-23 समूह के नेताओं का पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ समझौता हो गया है? कांग्रेस के भीतर 'ऑल इज वेल' को लेकर इस तरह की अटकलें बुधवार को जी-23 समूह के नेता गुलाम नबी आजाद के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कई बार एक ही फ्रेम में दिखने के बाद शुरू हो गई हैं। लखीमपुर खीरी मामले को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान और 1971 के युद्ध पर फोटो प्रदर्शनी गुलाब नबी आजाद, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ दिखे। शनिवार को होगी CWC की बैठकइससे पहले जी-23 के नेता गुलाब नबी आजाद की मांग पर कांग्रेस कार्यसमिति की शनिवार को बैठक होने वाली है। गुलाम नबी आजाद ने ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने के लिए कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। सीडब्ल्यूसी की बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, आगामी विधानसभा चुनाव और सबसे महत्वपूर्ण, संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा होने की उम्मीद है। सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बढ़ गई थी तकरारइससे पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस से जुड़े मामलों को लेकर आक्रामक रुख अपनाया था। सिब्बल का कहना था कि कोई नहीं जानता कि पूर्णकालिक अध्यक्ष की अनुपस्थिति में पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है। सिब्बल ने यह भी कहा था कि असंतुष्ट गुट जी-23 मुद्दों को उठाता रहेगा। इसके बाद पार्टी के सदस्यों की तरफ से सिब्बल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस घटना के बाद से पार्टी के वफादार माने जाने वाले धड़े और असंतुष्ट धड़े के बीच तनाव बढ़ गया था। CWC मीटिंग में होगा दोनों धड़ों का आमना-सामनाहालांकि यह माना जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी और जी-23 के बीच आमना-सामना हो सकता है। बैठक से पहले राहुल गांधी के गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी से कई दोनों धड़ों के बीच सुलह की अटकलें तेज हो गई हैं। पार्टी कार्यसमिति की बैठक में आंतरिक चुनावों के अलावा, मौजूदा राजनीतिक स्थिति के साथ-साथ हाल ही में लखीमपुरी खीरी मामले पर आगे की रणनीति को लेकर चर्चा हो सकती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर बीजेपी को लगातार घेर रहे हैं। क्या जी-23 का एजेंडा होगा कमजोर?यह भी माना जा रहा है कि मौजूदा घटनाक्रम समग्र चर्चा में जी-23 एजेंडा को कमजोर कर सकता है। यह देखा जाना है कि क्या असंतुष्ट तत्काल आंतरिक चुनावों की मांग पर जोर देते हैं। क्या पार्टी में वफादारों का धड़ा कपिल सिब्बल जैसे जी-23 समूह के सदस्यों पर आक्रामक रुख अपनाते हैं।
Source navbharattimes

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